रांची/बोकारो: देश में पढ़ते धार्मिक उत्पीड़न शिक्षा एकता और यकजहती को लेकर ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ (All India Tanzeem-E-Insaf) के बैनर तले झारखंड रांची के लोयोला ट्रेनिंग सेंटर ऑडिटोरियम मैं तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन शनिवार 26 मार्च से शुरू हो गया है। कॉन्फ्रेंस 26 मार्च से 28 मार्च तक चलेगा।
मुख्य अतिथि के तौर पर इस कॉन्फ्रेंस में देशभर के प्रतिनिधि शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस में पंजाब से रोशन खान, मोहम्मद खलील, अलीगढ़ से मदी उरहमान शहीब, बिहार से गजनफर नवाब, झारखंड से इस्तकार महमूद, बोकारो झारखंड से मोहम्मद फिरोज खान, बिहार से इरफान अहमद फातमी,
महाराष्ट्र अब्दुल बशीर मजीद, खैरुल इस्लाम, आसाम फखरुल इस्लाम खान, आसाम प्रो. जुबेर खान, महाराष्ट्र अमीनुद्दीन, वेस्ट बंगाल डॉ तरन्नुम मुस्ताक, झारखंड रिया प्रवीण, अरशद मधुपुरी , इसके अलावे मध्य प्रदेश गुजरात, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश सभी राज्यों से प्रतिनिधि नेशनल सेमिनार में उपस्थित हुए। सेमिनार का उद्घाटन पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने झंडा फहरा कर किया।
हक और हुकूक के लिए करें आवाज बुलंद
इस मौके पर मुख्य अतिथि विभूति नारायण राय पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश एवं पूर्व कुलपति विद्या विश्वविद्यालय उपस्थित हुए।
उन्होंने लोगों से संबोधित करते हुए कहा हमारे तंजीम का मकसद है कि दबे, कुचले, पिछड़े अल्पसंख्यकों के हक और हुकूक के लिए आवाज बुलंद करना और उनके हक के लिए आंदोलन करना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत में जब से मोदी सरकार आई है यह सरकार इस देश की अमन शांति भाई चारगी को बिगाड़ कर रख दिया है। चारों तरफ नफरत की आग फैली हुई है।
इस आग को बुझाने के लिए अब हम सभी को आगे आने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक दबे कुचले अल्पसंख्यको मैं शिक्षा की उभार और हमारे बच्चे शिक्षित नहीं होंगे हम इसी तरह पीछड़ते और कुचलते रहेंगे।
इसीलिए उन्होंने दबे कुचले पिछड़ा अल्पसंख्यकों से अपील की है कि अपने बच्चों को शिक्षित करें तभी हम एक बेहतर समाज की मजबूत बुनियाद रख सकते हैं।
सरकार ने ऐसे लोगों को दे रखी है खुली छूट
शिक्षा की कमी के कारण हम राजनीतिक सामाजिक तरक्की की दौड़ से पीछड़ते जा रहे हैं, हमारी ही ताकत से हमारे दुश्मन आगे बढ़ते जा रहे हैं और यह बड़े ही अफ़सोस की बात है।
मोदी सरकार जब से आई है सिर्फ मुसलमानों पर ही अत्याचार नहीं बढ़े हैं बल्कि क्रिश्चियन, दलित, आदिवासी और महिलाओं पर भी लगातार अत्याचार हो रहे है।
अगर एक तरफ हम संविधान को बचाने में लगे हैं तो दूसरी तरफ फिरका परस्त के लोगों ने संविधान की धज्जियां उड़ा रहे है। सरकार ने ऐसे लोगों को खुली छूट दे रखी है।
इसलिए अब जरूरत है कि हम तमाम अल्पसंख्यकों को एकजुट होकर एक बड़े आंदोलन की तरफ बढ़ने की जरूरत है।
वही आज के इस सेमिनार को कामयाब बनाने में झारखंड के ऑल इंडिया तंजीम इंसाफ के सचिव इफतेखार महमूद और उनकी टीम ने अहम भूमिका निभाई।
इस कॉन्फ्रेंस में देश के सभी प्रदेशों से इंसाफ तंजीम के प्रतिनिधि शामिल हुए इसको लेकर झारखंड के इंतजाम या कमेटी सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा करती है।