Jharkhand Assembly Budget Session 2025: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू हो चुका है।
आगामी 3 मार्च को राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे।
इस बार के बजट में 7 से 10 फीसदी वृद्धि की संभावना है।
ऐसे में झारखंड का बजट आकार करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
पिछले वर्ष का बजट 1.28 लाख करोड़ रुपये का था।
किन क्षेत्रों को मिल सकता है ज्यादा बजट?
इस वर्ष सरकार का फोकस महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण योजनाओं पर रहेगा।
मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्यादा धनराशि आवंटित की जा सकती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, पेयजल, सिंचाई और सड़क निर्माण जैसी योजनाओं पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च किया जा सकता है।
पिछले पांच सालों में झारखंड के बजट का ट्रेंड
वित्तीय वर्ष 2020-21 में झारखंड का बजट 86,370 करोड़ रुपये था। इसके बाद 2021-22 में बढ़कर 91,277 करोड़ रुपये हो गया।
वर्ष 2022-23 में यह बजट 1,01,101 करोड़ रुपये पहुंच गया। 2023-24 में बजट आकार 1,16,418 करोड़ रुपये रहा, जबकि 2024-25 में यह बढ़कर 1,28,900 करोड़ रुपये हो गया।
16 गुना बढ़ा बजट का आकार
झारखंड बनने के बाद से राज्य के बजट आकार में अब तक 16 गुना से अधिक वृद्धि हो चुकी है।
वर्ष 2001-02 में झारखंड का पहला बजट मात्र 7,743.38 करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
झारखंड का सकल घरेलू उत्पाद (GSDP)
राज्य की अर्थव्यवस्था भी पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ी है। वर्ष 2001-02 में झारखंड का सकल घरेलू उत्पाद यानी GSDP करीब 32,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 4.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
आगामी वित्त वर्ष में झारखंड के GSDP में 9.5 से 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र को मिली बड़ी राशि
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारी वृद्धि की है। वर्ष 2001-02 में स्वास्थ्य बजट केवल 169.09 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 7,223 करोड़ रुपये हो गया।
इसी तरह, शिक्षा बजट वर्ष 2001-02 में 915.36 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 14,725 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है।
महिला एवं बाल विकास विभाग को मिल सकता है ज्यादा बजट
मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को 1000 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है।
इस योजना के कारण आगामी बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की संभावना है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार कृषि, पशुपालन, सिंचाई और पेयजल योजनाओं पर ज्यादा बजट आवंटित कर सकती है।
इसके अलावा ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजना जैसी योजनाओं पर भी बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होने की उम्मीद है।
किस साल कितना पेश हुआ बजट?
झारखंड के गठन के बाद से बजट आकार में लगातार वृद्धि देखी गई है। साल 2001-02 में राज्य का पहला बजट 7,743.38 करोड़ रुपये का था, जो अब तक 16 गुणा से अधिक बढ़ चुका है।
2001-02: 7,743.38 करोड़ रुपये
2002-03: 9,595.85 करोड़ रुपये
2003-04: 9,115.03 करोड़ रुपये
2004-05: 10,970.55 करोड़ रुपये
2005-06: 13,131.17 करोड़ रुपये
2006-07: 15,413.68 करोड़ रुपये
2007-08: 17,842.15 करोड़ रुपये
2008-09: 19,869.83 करोड़ रुपये
2010-11: 24,957.97 करोड़ रुपये
2011-12: 24,368.05 करोड़ रुपये
2012-13: 28,216.76 करोड़ रुपये
2013-14: 28,382.4 करोड़ रुपये
2014-15: 38,161.56 करोड़ रुपये
2015-16: 52,191.34 करोड़ रुपये
2016-17: 57,198.78 करोड़ रुपये
2017-18: 64,754.78 करोड़ रुपये
2018-19: 62,451.61 करोड़ रुपये
2019-20: 66,500.28 करोड़ रुपये
2020-21: 71,109.019 करोड़ रुपये
2022-23: 84,908 करोड़ रुपये
2023-24: 1,09,767.04 करोड़ रुपये
2024-25: 1,28,900 करोड़ रुपये
आने वाले बजट से उम्मीदें
झारखंड के आगामी बजट से उम्मीद की जा रही है कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने, महिलाओं के कल्याण और युवाओं को रोजगार देने पर ज्यादा फोकस करेगी।
बजट के जरिए राज्य की अर्थव्यवस्था को और गति देने की योजना बनाई जा रही है।