धनबाद: झारखंड के धनबाद में जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में सीबीआइ ने बुधवार को धनबाद में पोस्टर लगा कर 10 लाख रुपये इनाम की घोषणा की है।
इससे पहले सीबीआइ ने पोस्टर लगा कर पांच लाख इनाम की घोषणा की थी।सीबीआइ के क्राइम ब्रांच के एसपी विजय कुमार शुक्ला ने ये पोस्टर जारी किया है।
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत को 40 दिन हो गये हैं। लेकिन अब तक सीबीआइ के हाथ इस मामले में खाली हैं।
लिहाजा सीबीआइ के स्पेशल सेल ने न्यायाधीश की मौत से संबंधित जानकारी देनेवालों के लिए दस लाख रुपये इनाम की घोषणा कर दी है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 16 अगस्त को पांच लाख के इनाम की घोषणा की गयी थी।
सीबीआइ ने शहर के सभी चौक चौराहों पर पोस्टर लगा कर लोगों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति न्यायाधीश के हत्यारों या उससे संबंधित कोई भी जानकारी रखता हो तो वह सीबीआइ स्पेशल क्राइम ब्रांच वन नयी दिल्ली कैंप सीएसआइआर सत्कार गेस्ट हाउस धनबाद में इसकी सूचना दें या सीबीआइ के एसपी सह मामले के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला को मोबाइल नंबर पर फोन कर इसकी जानकारी दें। जानकारी देने वालों को सीबीआइ 10 लाख का इनाम देगी।
कब क्या हुआ
28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी।
रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, जिसके बाद पुलिस महकमा न्यायाधीश को ढूंढ़ने में लग गया था।
थोड़ी देर बाद रणधीर वर्मा चौक के पास न्यायाधीश घायल मिले। एएनएमएमसीएच ले जाने पर मृत घोषित कर दिया गया।
पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जान बूझ कर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गयी।
हाइकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। पुलिस ने देर रात चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था।
हाइकोर्ट के आदेश पर चार अगस्त को सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।
उसके बाद सीबीआइ दोनों आरोपियों को गुजरात और दिल्ली ले कर गयी थी, जहां उनका ब्रेन मैपिंग, वॉइस एनलाइसिस और नार्को टेस्ट हुआ।
पर अब तक सीबीआइ को इस पूरे मामले में कोई विशेष सफलता नहीं मिली है।