झारखंड

झारखंड हाईकोर्ट में अब इस मामले में दायर हुई जनहित याचिका

सुगा कौड़िया निवासी प्रेमप्रकाश ठाकुर ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने अदालत में कई दस्तावेज पेश किए हैं, जिनमें सरकारी जमीन को अवैध रूप से बेचने के सबूत होने का दावा किया गया है

Jharkhand High Court: पलामू जिले के पूर्व अंचलाधिकारी (CO) झुन्नू मिश्रा पर वन विभाग की जमीन, गैरमजरुआ और भुइंहरी भूमि के फर्जी म्युटेशन व हेरफेर (Fake Mutations and Manipulation) का आरोप लगा है।

सुगा कौड़िया निवासी प्रेमप्रकाश ठाकुर ने झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर कर इस मामले की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने अदालत में कई दस्तावेज पेश किए हैं, जिनमें सरकारी जमीन को अवैध रूप से बेचने के सबूत होने का दावा किया गया है।

जमीन माफिया से मिलीभगत का आरोप

याचिकाकर्ता प्रेमप्रकाश ठाकुर का आरोप है कि तत्कालीन सीओ झुन्नू मिश्रा (CO Jhunnu Mishra) ने जमीन माफिया के साथ मिलकर सरकारी जमीनों को अवैध रूप से बेचा और करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। उनके अनुसार, मिश्रा ने इस धन से बिहार, झारखंड समेत अन्य राज्यों में कई बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं।

जनहित याचिका में हाईकोर्ट से जांच की अपील

इस याचिका में झारखंड सरकार, राजस्व विभाग और तत्कालीन सीओ झुन्नू मिश्रा को पक्षकार बनाया गया है। ठाकुर ने हाईकोर्ट से पूरे मामले की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने रांची रोड स्थित जोरकट में 44 डिसमिल आदिवासी जमीन को सामान्य भूमि में बदलकर बेचने का उदाहरण देते हुए कहा कि मामला उजागर होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री और म्युटेशन को रद्द करना पड़ा था।

भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले भी हुई थी शिकायत

इससे पहले आजसू नेता सतीश कुमार ने तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि झुन्नू मिश्रा ने हवाई अड्डे की जमीन, भूसही और हाउसिंग कॉलोनी की जमीन समेत अन्य सीएनटी (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) की जमीनों में हेरफेर कर उन्हें बेच दिया। अब हाईकोर्ट में मामला पहुंचने के बाद इसकी निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है।

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