रांची : रांची शहर को एजुकेशनल हब और मेडिकल हब के रूप में विकसित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए रांची स्मार्ट सिटी में शैक्षणिक संस्थान और मेडिकल सेक्टर को विकसित करने की प्राथमिकता दी गयी है।
रांची शैक्षणिक राजधानी के रूप में विकसित हो, इसके लिए रांची स्मार्ट सिटी के अंदर 21 प्रतिशत भूमि शैक्षणिक संस्थानों के लिए रखी गयी है।
साथ ही अभी हाल में ही लॉन्च की गयी नयी उद्योग नीति के तहत मेडिकल सेक्टर के निर्माण को ध्यान में रखते हुए आकर्षक नीति बनायी गयी है।
उक्त बातें नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहीं। वह शनिवार को रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से होटल बीएनआर चाणक्य में आयोजित इन्वेस्टर मीट 2021 में उपस्थित उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
हाई सिक्योरिटी जोन में होगी स्मार्ट सिटी
विनय कुमार चौबे ने कहा कि रांची स्मार्ट सिटी के अंदर ही राज्य सरकार का मंत्रालय होगा। साथ ही, सभी मंत्रियों का आवास भी स्मार्ट सिटी के अंदर ही बनेगा। इस तरह से यह पूरा स्मार्ट सिटी हाई सिक्योरिटी जोन में होगी।
रांची शहर को विकसित करने में रांची स्मार्ट सिटी काफी महत्वपूर्ण
विनय कुमार चौबे ने कहा कि रांची शहर का फैलाव काफी जरूरी हो गया है। इस दिशा में रांची स्मार्ट सिटी का महत्वपूर्ण योगदान होगा। रांची स्मार्ट सिटी के डेवलप होने से इस एरिया में शहर का फैलाव बढ़ेगा।
नये विधानसभा भवन के पीछे हाउसिंग कॉलोनी बनेगी
सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि जीआरडीए एरिया में शैक्षणिक संस्थाओं को जमीन दी जायेगी। साथ ही, नये विधानसभा भवन के पीछे 100 एकड़ में हाउसिंग कॉलोनी बनने जा रही है, जहां सभी तरह की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एसकेआईपीए के निर्माण के लिए भी 25 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है।
मौके पर रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के सीईओ अमित कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का स्पष्ट निर्देश है कि रांची को झारखंड के लोगों की आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप बनाया जाये।
इसलिए, यहां पर हर आय वर्ग के लोगों के लिए आवासीय फ्लैट निर्माण को ध्यान में रखते हुए लैंड प्लॉट चिह्नित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी में रोड, ड्रेनेज, यूटिलिटी सर्विसेज, जलापूर्ति, विद्युत आपूर्ति विश्वस्तरीय होगी।
सीईओ अमित कुमार ने कहा कि विश्व के टॉप 100 यूनिवर्सिटी में कोई भी एक विश्वविद्यालय अगर दिलचस्पी दिखाता है, तो उसे एक रुपये में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी जायेगी। किसी भी प्लॉट के 400 मीटर की दूरी के अंदर ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होगा।
निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जीआईएस सब-स्टेशन का निर्माण हो रहा है। कोई भी तार स्मार्ट सिटी के अंदर ओवरहेड वायर के रूप में नहीं दिखाई देगा। सभी यूटिलिटी सर्विसेज यूटिलिटी डक्ट के अंदर से होकर हर प्लॉट तक पहुंचेगी।
उन्होंने कहा कि ई-ऑक्शन प्रक्रिया में शामिल होने से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए किसी भी एजेंसी का प्रतिनिधि स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की वेबसाइट rsccl.in और eauction.rsccl.in पर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रेजेंटेशन के जरिये स्मार्ट सिटी की बतायी खूबियां
इससे पहले कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक राकेश कुमार नंदकुलयार ने पावर प्वॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये स्मार्ट सिटी योजना की पूरी जानकारी निवेशकों के समक्ष रखी और आश्वस्त किया कि अगर कोई तकनीकी दिक्कत होती है, तो जगह-जगह पर स्मार्ट सिटी की ओर से आपको फैसिलिटेट किया जायेगा।
ई-ऑक्शन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है तैयार
प्लॉट्स की ई-नीलामी के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार है और इस ऑक्शन में दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति वहीं से भाग ले सकता है। पारदर्शिता का भी पूरा ख्याल रखा गया है। इसके साथ ही ई-ऑक्शन से जुड़ी जानकारी लोग कॉरपोरेशन की वेबसाइट rsccl.in और eauction.rsccl.in पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में रांची, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, बोकारो सहित प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण शहरों के निवेशक शामिल हुए। उद्योग जगत के इन प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।
सभी प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने जिस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्र में निवेशकों को ध्यान में रखते हुए जितनी सहूलियतें दी हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है।