रांची: कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बीच ही अचानक झारखंड में एक साथ 35 बच्चों के संक्रमित पाए जाने के बाद से राज्य सरकार महामारी की थर्ड वेव को लेकर अलर्ट हो गई है।
इसको लेकर सभी जिलाें को हर हाल में बच्चों के लिए 20 आइसीयू बेड तैयार रखने को कहा गया है।
वहीं, राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को बच्चों को COVID से बचाने के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस घोषित कर दिया गया है।
इधर, झारखंड में स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि 25 मई से कराए जा रहे एक सघन जनस्वास्थ्य सर्वेक्षण एवं रैपिड परीक्षण में 31 मई तक कुल 1,64,46,947 लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया गया।
इस दौरान 35 बच्चे COVID-19 से संक्रमित पाए गए हैं। इन कोराेना संक्रमित बच्चों में शून्य से 1 वर्ष तक वाले 7, 1 से 6 वर्ष एज ग्रुप वाला 1 व 6 से 18 एजग्रुप में 27 बच्चे शामिल हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इन बच्चों में किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। ये बच्चे घरों में ही पृथक-वास में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। वहीं, इनके स्वास्थ्य पर विभाग की भी नजर बनी हुई है।
थर्ड वेव से निपटने की तैयारियों को लेकर विभाग रेस
इधर, विशेषज्ञों के अनुसार, यदि COVID-19 की तीसरी लहर आयी तो उसका सर्वाधिक प्रभाव बच्चों पर पड़ने की आशंका है।
त्रिपाठी ने यह भी बताया कि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर टीकाकरण पर जोर दे रही है और उसे जुलाई से बड़ी संख्या में टीके भी मिलने लगेंगे।
इसके अलावा, राज्य के सभी 24 जिलों में बच्चों के स्वास्थ्य और इलाज को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है।
सभी जिलों में छह-छह चिकित्सकों एवं उनके सहयोगियों की टीम बनाकर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से वहां के बाल चिकित्सालयों की संख्या तथा उनकी स्थिति तथा वहां उपलब्ध सुविधाओं की अपडेट रिपोर्ट तलब की गई है।
दूसरी ओर, राज्य सरकार कोविड महामारी से अभिभावकों की मौत के बाद अनाथ हुए बच्चों की देखरेख के लिए भी इंतजाम कर रही है।
इसके लिए झारखंड वैधानिक सेवा प्राधिकरण (झारखंड लीगल सर्विसेज अथॉरिटी झालसा) ने राज्य स्तर पर ‘प्रोजेक्ट शिशु सदैव त्वया सह’ शुरू किया है।
झालसा के प्रशासनिक अध्यक्ष, झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह ने यह परियोजना आरंभ की।
रांची में भी चाइल्ड केयर हेल्पलाइन जारी
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रांची जिला प्रशासन ने भी अन्य जिलों की तरह चाइल्ड केयर हेल्पलाइन जारी की है।
सूत्रों ने बताया कि जिला कल्याण पदाधिकारी की निगरानी में चलने वाली चाइल्ड केयर हेल्पलाइन में ऐसे मामलों को देखने और तत्काल सहायता करने के लिए एक टीम बनाई गई है।
इस व्यवस्था के तहत, अनाथ हुए बच्चों की सूचना हेल्पलाइन नंबर पर दी जा सकती है।
प्रशासन की टीम प्रभावित बच्चों को संरक्षण प्रदान करेगी। बच्चों से संबंधित विस्तृत जानकारी एकत्र करने और आवश्यकता का आंकलन करने के बाद जिला बाल कल्याण समिति अंतिम निर्णय लेगी।
जिन बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, उन्हें सरकार द्वारा चलाए जा रहे बाल देखभाल केंद्र में रखा जाएगा।