झारखंड : कोरोना संक्रमित का शव बगैर पीपीई किट से कवर किए ही पहुंचा दिया श्मशान, सकते में शहर के लोग

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गिरिडीह: जिले के सदर अस्पताल प्रबंधन का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है, जहां एक कोरोना संक्रमित की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बगैर पीपीई किट से कवर किए ही शव को एंबुलेंस में लादकर श्मशान घाट पहुंचा दिया, जिससे पूरे शहरवासी सकते में हैं।

बता दें कि सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार, कोरोना संक्रमण से मरने वाले का शव परिजनों को नहीं दिया जाना है और शव का अंतिम संस्कार प्रशासन की ओर से किया जाना है।

इस दौरान शव को पीपीई किट में पैक करके ही श्मशान घाट पहुंचाना है, जहां पीपीई किट पहने कर्मी ही उसका अंतिम संस्कार करेंगे।

लेकिन गिरिडीह सदर अस्पताल में इस गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है।

मृतक सरिया थाना क्षेत्र के उर्रो गांव निवासी 44 वर्षीय विजय मोदी थे, जिनके शव को बिना पीपीई किट से कवर किए ही एंबुलेंस में लादकर बरमसिया मारवाड़ी श्मशान घाट भेज दिया गया।

समाजसेवी ने पूछा कोई और संक्रमित हुआ तो जिम्मेवार कौन

समाजसेवा के रूप में अंतिम संस्कार कराने वाली टीम में शामिल राेहित जमुआर ने कहा कि इस आपदा में जब कोरोना संक्रमित शवों से लोग दूर भाग रहे हैं।

ऐसे समय में यदि हमलोगों के सहयोग से शवों का अंतिम संस्कार कराया जा रहा है, तो हमारी सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाए।

युवक रॉकी नवल व मिथुन चंद्रवंशी के अलावा आसपास मोहल्ले के लोग यदि संक्रमण के शिकार होते हैं तो फिर उसकी जवाबदेही कौन लेगा।

खुला शव देख भौचक रह गए अंतिम संस्कार करने वाले युवा

बिना पैक किए शव पहुंचते ही वहां सामाजिक सरोकार के तहत शवों का अंतिम संस्कार करने वाले युवाओं की टीम हतप्रभ रह गई।

युवाओं ने लोगों से दो टूक कह डाला कि सामाजिक बीड़ा उठाए हैं, इसका मतलब ये नहीं कि जान बूझकर अपनी जान को दांव पर लगा दें।

कुछ देर संकोच के बाद फिर ईश्वर का नाम लेते हुए लोगों ने शव को एंबुलेंस से उतारा और घाट पर ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।