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दोनों पक्षों व पुलिस की मौजूदगी में पांच घंटे चलती रही पंचायत, तीन साल से चल रहा था प्रेम प्रसंग
रांची: झारखंड पुलिस के एक दारोगा को देर शाम प्रेमिका से मिलने उसके गांव जाना उस वक्त महंगा पड़ गया, जब गांव के लोगों ने उसे चोर समझ दबोच लिया।
हालांकि तनातनी के बीच मामला पंचायत में पहुंआ और शादी की डेट तय कर दारोगा के परिवार वालों को बांड भरना पड़ा।
ग्रामीणों ने शादी की तिथि 10 दिसंबर तय करते हुए बांड दोनों परिवार वालों की मौजूदगी में भरवाकर दारोगा को मुक्त किया।
इस दौरान स्थानीय थाने की पुलिस भी मौजूद थी।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, विभूतिपुर के वासो टोला का यशवंत कुमार झारखंड पुलिस में दारोगा है। दो साल पहले ही नौकरी हुई है।
वह खदीयाही गांव की एक लड़की से तीन साल से प्रेम करता था। शनिवार देर शाम वह अपने मित्रों के साथ प्रेमिका से मिलने खदीयाही आया था।
लोगों ने बताया कि रात में वह प्रेमिका से मिलने पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने चोर-चोर का हल्ला मचाया।
इस पर वह भागने लगा तो लोगों ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया। प्रेमिका संग पकड़े जाने की सूचना पर दारोगा के परिवार वाले भी पहुंचे।
लड़की व लड़का पक्ष के बीच रात भर बहस चलती रही। सुबह मामले को लेकर पुलिस के समक्ष पंचायत बैठी।
पंचायत में शादी पर रजामंदी
रविवार को पांच घंटे चली पंचायत के बाद अंतत: दारोगा के परिवार वाले शादी को राजी हो गए। पंचायत में शादी की तिथि 10 दिसंबर तय की गई।
शादी को लेकर दोनों पक्ष की ओर से ग्रामीणों ने बांड बनवाया, जिस पर प्रेमी युगल के अलावा दोनों पक्षों के लोगों ने हस्ताक्षर किया है। शादी की तैयारी के लिए 10 दिनों का समय दिया गया है।
ऐसे करीब आए थे दोनों
बताया गया है कि तीन वर्ष पूर्व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए दारोगा व लड़की नरहन स्थित एक ग्रुप डिस्कशन केंद्र में जाते थे। इसी दौरान दोनों एक दूसरे के करीब आए।
लड़की भी दारोगा की परीक्षा में बैठी थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई। लेकिन दोनों के बीच प्रेम बढ़ता गया। यशवंत के दारोगा बन जाने के बाद भी दोनों एक-दूसरे से मिलते रहे।