देवघर : प्रखंड के फुलचुवा पंचायत में 14वें वित्त आयोग से संचालित योजनाओं में नियम की अनदेखी कर भारी गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है।
ग्रामीणों ने बीडीओ पल्लवी सिन्हा को आवेदन देकर तत्कालीन मुखिया द्वारा कराए गए कार्यों की जांच कराने की मांग की है।
आवेदन के माध्यम से ग्रामीण ध्रुप महरा, सतीश महरा, सुधीर महरा, कमल दास, दौलत महरा, सुमित यादव का कहना है कि फुलचुवा पंचायत के तत्कालीन मुखिया ने 14 वें वित्त आयोग की राशि से पंचायत के गजियाडीह, बेहरा, गो¨वदपुर, सागरुबाद में 14 चापाकल के लिए बोरिंग कराया था।
इसमें नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकतर चापाकल अपने खास लोगों के घरों के अंदर ही कर दिया गया था।
इसका उपयोग आम आदमी नहीं कर सकते है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कार्य के लिए मुखिया ने मोटी रकम की उगाही की है।
वहीं पंचायत सचिव युगल मंडल पर भी योजना की उपयोगिता देखे बिना बोरिंग की राशि का भुगतान करने का आरोप लगाया गया है।
सचिव ग्रामीणों की शिकायतों को अनसुना कर देते हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि उक्त पंचायत में मनरेगा योजना में भी जमकर अनियमितता की जा रही है।
योजनाओं में बिचौलिया पूरी तरह से हावी है। फर्जी मजदूरों के नाम से मजदूरी का भुगतान करा रहे है। बिना ऊपरी चढ़ावा के एक भी योजना का संचालन नहीं होता है।
मुखिया के कार्य शैली से परेशानी ग्रामीणों ने अधिकारियों से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। सारठ बीडीओ पल्लवी सिन्हा ने कहा कि जांच का निर्देश दिया गया है।