Jharkhand High Court: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। इसके साथ ही, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी अवमानना याचिका दाखिल की है।
रांची – झारखंड में पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) संख्या 1194/2025 दायर की है। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है।
बाबूलाल मरांडी ने इस याचिका में झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी, गृह सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव और यूपीएससी के चेयरमैन को प्रतिवादी बनाया है।
हाईकोर्ट में कब दायर हुई याचिका?
बाबूलाल मरांडी ने 22 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसे 5 मार्च को रजिस्टर किया गया।
सुप्रीम कोर्ट में भी कानूनी चुनौती
बाबूलाल मरांडी ने सिर्फ हाईकोर्ट ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी अवमानना याचिका दाखिल की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों का उल्लंघन किया है और नियमों का पालन नहीं किया गया।
बाबूलाल मरांडी की इस याचिका के बाद झारखंड सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।