धनबाद: कोलकाता के बाबूघाट से बिहार के गया जा रही महारानी एक्सप्रेस बस से बंगाल के पानागढ़ आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने बस का पीछा कर कुल्टी थाने की मदद से झारखंड सीमा पर डीबूडीह के पास से मंगलवार की रात 30 बम बरामद किया था।
इसे झारखंड में एक शख्स के पास भेजा जा रहा था। हालांकि वह व्यक्ति कहां का है, इसका पता नहीं चल सका।
पुलिस एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
बुधवार की शाम चेकपोस्ट के पास लक्ष्मणपुर स्थित एक मैदान में बम निरोधक दस्ते ने बमों को निष्क्रिय कर दिया।
मालूम किया जा रहा है कि बंगाल में कहां और कौन बम बनाता है और उसकी डिलीवरी पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार में कहां-कहां होती है।
पूरे खेल में चालक-खलासी की भी मिलीभगत है।
आर्मी कैंप की खुफिया टीम को सूचना मिली
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मंगलवार की रात करीब साढ़े 11 बजे पानागढ़ आर्मी कैंप की खुफिया टीम को सूचना मिली कि कोलकाता से बिहार जा रही एक यात्री बस में बम भेजा जा रहा है।
इसके बाद आर्मी कैंप की खुफिया विभाग की टीम ने आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की कुल्टी पुलिस को इसकी सूचना दी।
पानागढ़ से ही पानागढ़ आर्मी कैंप की खुफिया टीम बस का पीछा करने लगी।
इस बीच बस जैसे ही कुल्टी थाना अंतर्गत डीबूडीह चेकपोस्ट के पास पहुंची, आर्मी कैंप के खुफिया अधिकारियों और कुल्टी पुलिस ने बस को चारों तरफ से घेर लिया।
बस की जांच में एक बैग में 30 देसी बम के साथ कुछ कागजात मिले।
बैग में लिखा मिला बमों के खरीदार का नाम पता
जिन बैगों से आर्मी के इंटेलिजेंस टीम ने जिंदा बम बरामद किए, उनसे कई सुराग भी मिले।
बैग में एक पर्ची मिली, जिसमें बैग को रिसीव करने वाले का नाम बिहार के गया निवासी शफी मोहम्मद भाई का नाम लिखा हुआ था।
वहीं बम डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपया एडवांस देने का भी जिक्र है। बैग रिसीव करने के लिए पर्ची में कोड 12461 लिखा हुआ था।
कोड बोलने के बाद ही बमों की डिलीवरी करनी थी। बम के ऊपर उसकी कीमत एक हजार रुपए लिखी थी।