धनबाद: चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) ने जिस अधेड़ दूल्हे को क्लीनचिट दे दी थी, एसएसपी ने उसी दूल्हे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
इस बाबत एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि मामला गंभीर है। पुलिस एफआइआर दर्ज करके कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मामला जैसे ही सीडब्ल्यूसी से थाना पहुंचा तो एसएसपी ने पूरे मामले पर संज्ञान लिया।
इसके बाद ही उन्होंने अधेड़ दूल्हे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया। दूल्हे को हिरासत में रखा गया है।
क्या है मामला
दरअसल, झरिया थाना क्षेत्र के पाथरबांग्ला में गुरुवार को एक नाबालिग लड़की का 40 वर्षीय अधेड़ दूल्हे के साथ विवाह का मामला सामने आया था।
बाल विवाह का मामला होने के कारण झरिया पुलिस ने तत्काल इसे सीडब्ल्यूसी रेफर कर दिया, लेकिन सीडब्ल्यूसी में दो दिनों तक चली जिच के बाद शुक्रवार की देर रात न सिर्फ अधेड़ दूल्हे को क्लीनचिट दे दी गई, बल्कि शादी करवाने वाले दंपति को भी छोड़ दिया गया।
सीडब्ल्यूसी ने दी यह सफाई
सीडब्ल्यूसी ने बताया कि शादी तय कराने वाले मनीषा अग्रवाल और उसके पति मोहन अग्रवाल की राजस्थान स्थित अलीगढ़ थाना से अापराधिक रिकॉर्ड की जांच करवाई गई। उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला।
वहीं, शादी करने आए लड़के सुनील अग्रवाल की भी जयपुर स्थित प्रताप नगर सेक्टर 26 सदर थाना से आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कराई गई। दोनों का रिकॉर्ड साफ सुथरा था।
वहीं दूसरी तरफ सीडब्ल्यूसी की ओर से दावा किया गया कि शादी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी।
शादी के दौरान ही लोगों के विरोध करने पर बीच में ही शादी रोकनी पड़ी थी। स्थानीय पांच लोगों ने इसकी गवाही भी दी है।
सीडब्ल्यूसी के देवेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरे मामले की जांच करने पर न ट्रैफिकिंग का मामला बना और न ही बाल विवाह का, इसलिए सभी को हिदायत देकर छोड़ दिया गया।
नाबालिग की दादी को निर्देश दिया गया है कि वह समय पर पोती को लेकर सीडब्ल्यूसी में उपस्थित होगी, जहां उसकी नियमित रूप से काउंसिलिंग की जाएगी।