धनबाद: उत्क्रमित हाई स्कूल, हाईस्कूल या प्लस टू हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक पद के प्रभार को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने गंभीरता दिखाई है।
इसके तहत निदेशालय ने प्रभार के लिए मानदंड भी तय कर दिया है। हालांकि, यह व्यवस्था पूरी तरह तात्कालिक हाेगी और इसके लिए डीईओ का अनुमाेदन जरूरी हाेगा।
बता दें कि प्रधानाध्यापक के प्रभार को लेकर उत्पन्न विवाद के कारण शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्याें के संचालन में भी कठिनाई हो रही है। वहीं, ऐसे स्कूलों में नियमित प्रधानाध्यापक के पद भी खाली पड़े हुए हैं।
क्या है मानदंड
उत्क्रमित उच्च विद्यालय, जहां 1-10वीं, 6-10वीं और 9-10वीं के माध्यमिक शिक्षक हैं। ऐसे स्कूलाें में स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित माध्यमिक शिक्षक काे सीनियर माना जाएगा।
स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हाेने पर स्नातक प्रशिक्षित काे सीनियर माना जाएगा। वहीं जिन स्कूलाें में माध्यमिक शिक्षक नहीं हैं, वहां प्रारंभिक स्कूल के शिक्षकाें में स्नातकाेत्तर काे सीनियर माना जाएगा और इनके नहीं हाेने पर स्नातक प्रशिक्षित सीनियर माने जाएंगे।
इन स्कूलाें में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक भी नहीं हाेने पर प्राथमिक शिक्षक काे सीनियर माना जाएगा।
इसी तरह राजकीय, राजकीयकृत 1981-82 और 1984-85 के प्राेजेक्ट उवि में भी पहले स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित और उनके नहीं हाेने पर स्नातक प्रशिक्षित काे सीनियर माना जाएगा।
प्लस टू उवि काे ऐसे मिलेगा प्रभार
प्लस टू, उत्क्रमित प्लस टू और राजकीय विद्यालय (प्लस टू सहित) जहां 12वीं कक्षा तक संचालित हाे। ऐसे स्कूलाें में स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित शिक्षकाें में आपसी वरीयता के आधार पर सीनियर काे प्रभार दिया जाएगा।
स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हाेने पर आपसी वरीयता के आधार पर स्नताक प्रशिक्षित काे प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा।
वहीं इन दाेनाें के नहीं रहने पर आपसी वरीयता काे देखा जाएगा। 9-12वीं कक्षा तक के स्कूल में स्नातकाेत्तर व स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक नहीं हाेने पर नजदीक के स्कूल से स्नातकाेत्तर प्रशिक्षित शिक्षक की प्रतिनियुक्ति प्रभारी प्रधानाध्यापक के ताैर पर की जाएगी।