रांची: झारखंड को जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) के तहत विगत पांच वर्षों में केन्द्र सरकार ने 10865 करोड रुपए की राशि आवंटित (Rs 10865 crore Amount Allocated) की है। इसमें सरकार सिर्फ 3065 करोड रुपए का उपयोग कर पाई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जल जीवन मिशन कार्य को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार (Indian government) ने झारखंड के लिए 4722 करोड़ की राशि आवंटित की है ।
लेकिन इस वित्तीय वर्ष के लगभग चार माह बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से अभी तक इससे कोई राशि की निकासी नहीं की गई है। यह जानकारी केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री विशेश्वर टुडू (Visheshwar Tudu) ने शुक्रवार को लोकसभा में दी।
लोकसभा सत्र के दौरान रांची के सांसद संजय सेठ (Sanjay Seth) ने यह सवाल पूछा था कि केंद्र सरकार के द्वारा झारखंड के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
जलाशय की सफाई के संबंध में भी जानकारी मांगी
कितनी राशि उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा सांसद ने झारखंड में विभिन्न कारणों से प्रदूषित हुए बड़े जल निकाय और जलाशय की सफाई के संबंध में भी जानकारी मांगी थी।
इसी जानकारी के आलोक में केंद्रीय मंत्री ने सदन में यह जवाब दिया है केंद्रीय मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि वर्ष 2019 में 267 करोड़, 2020-21 में 572 करोड़ 2021-22 में 2479 करोड़, 2022-23 में 2825 करोड़ और 2024 में 4722 की राशि आवंटित की गई है।
इसकी तुलना में राज्य सरकार इन राशियों का उपयोग नहीं कर पा रही है। वर्ष 2019 में झारखंड सरकार ने 291 करोड रुपए का उपयोग किया, जबकि 2020-21 में 143 करोड रुपए का उपयोग हुआ ।
2021-22 में 512 करोड़ रुपए का उपयोग हुआ जबकि 2022-23 में 2119 करोड़ रुपए का उपयोग हुआ। चालू वित्तीय वर्ष में जारी की गई राशि में से किसी भी राशि की निकासी अब तक नहीं की गई है।
वर्तमान में झारखंड में कोई जलाशय प्रदूषित नहीं है
केंद्रीय मंत्री ने सांसद को बताया कि राज्य सरकार की ओर से जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है, उसके अनुसार झारखंड में पूर्व में 20.50 लाख ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर जुलाई 2023 तक राज्य में 61.28 लाख ग्रामीण घरों में से 23 लाख घरों में नल जल से आपूर्ति होने की सूचना दी गई है।
राज्य सरकार के हवाले से ही लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य में पड़ने वाले बड़े जल निकायों जलाशयों को प्रदूषण मुक्त करने और साफ सफाई करने की जिम्मेदारी राज्य का विषय है।
राज्य सरकार ने सूचित किया है कि वर्तमान में झारखंड में कोई जलाशय प्रदूषित नहीं है। इसके अलावा भारत सरकार जल निकायों के पुनरुद्धार को लेकर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार को मदद करती है।
भारत सरकार प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल शक्ति अभियान, अमृत जलापूर्ति योजना, जल जीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के माध्यम से झारखंड सहित सभी राज्यों को मदद करती रही है।
राज्य सरकार ने यह भ्रम फैलाने का काम किया
इस जवाब के बाद सांसद संजय सेठ ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। सांसद ने कहा कि भारत सरकार ने जितनी राशि राज्य सरकार को प्रदान की है, राज्य सरकार उस राशि का महज 30 प्रतिशत खर्च कर पाई है।
यह आंकड़ा बताता है कि राज्य सरकार जानबूझकर भारत सरकार की योजनाओं को राज्य में फेल करना चाह रही है, ताकि केंद्र सरकार के ऊपर इसका ठीकरा फोड़ा जा सके।
इसके अलावा राज्य सरकार (State government) ने यह भ्रम फैलाने का काम किया है कि झारखंड रांची के कोई जलाशय प्रदूषित नहीं है। जबकि मीडिया माध्यमों में यह खबर बराबर आती रही है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर जलाशय प्रदूषित हो चुके हैं।