हजारीबाग: हजारीबाग भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान में सांसद जयंत सिन्हा के प्रतिनिधि शंकर गुप्ता (62) पॉक्सो एक्ट के केस में फंस गए हैं। इसके साथ उन्हें दुर्गा पूजा महासमिति से भी हटा दिया गया है।
महासमिति से सदस्य और संयोजक के पद से भी उन्हें आजीवन निष्कासित कर दिया गया है। महासमिति ने बुधवार की देर रात इस संदर्भ में आपात बैठक कर फैसला किया।
यह बैठक महासमिति के अध्यक्ष प्रमोद यादव और सचिव दीपनारायण निषाद के नेतृत्व में हुई। फिर उनके संयुक्त हस्ताक्षर से पत्र जारी कर उन्हें महासमिति के सभी पदों से निष्कासित कर दिया गया।
उनके खिलाफ पीड़िता की मां ने बड़ी बाजार टीओपी में मामला दर्ज कराया है। इसमें बताया गया है कि शंकर गुप्ता ने उनकी नाबालिग बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया है।
पूर्व जिलाध्यक्ष और सांसद प्रतिनिधि के खिलाफ टीओपी में कांड संख्या : 372/21(12/8) पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मामला दर्ज करने के साथ ही आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। प्राथमिकी में कहा गया है कि तीन अक्टूबर को ढाई बजे 13 वर्षीय नाबालिग गेहूं पिसाने के लिए भाजपा नेता के आवास स्थित मील दुकान गई थी।
वहां शंकर गुप्ता बच्ची को बगल के सहारा इंडिया कार्यालय के पीछे ले गए और उसके साथ दुर्व्यवहार किया। विरोध करने पर पैसे देकर उसे मनाने की कोशिश की गई।
उनकी यह बातें सुनकर बच्ची वहां से उनका हाथ झटककर भाग गई और अपनी मां को सारी आपबीती सुनाई। मामला तूल देने पर आरोपित भाजपा नेता ने समझौता करने का प्रयास किया।
पुलिस ने जब आरोपित नेता से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने कहा कि यह आरोप निराधार है। आरोपित नेता से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला।
थाना प्रभारी योगेंद्र मिश्रा ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वह फिलहाल फरार चल रहे हैं।