गढ़वा: गढ़वा पुलिस ने ठगी करने के आरोप में बिहार के कैमूर जिला के मोहनिया थाना के दंडवास गांव निवासी रविंद्र प्रजापति के पुत्र रोशन कुमार और रोहतास जिला के कोचस थाना क्षेत्र के बाबू का बहुआरा गांव निवासी धर्मराज प्रजापति के पुत्र हरेंद्र प्रजापति को गिरफ्तार किया है।
दोनों ने असली नोट के बदले दोगुने नकली नोट देने का झांसा देकर गढ़वा के झुरा गांव निवासी दशरथ राम से 11.30 लाख रुपये की ठगी कर ली।
गढ़वा सदर थाना में रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में रोशन कुमार ने पांच लाख रुपए अपने बैंक खाते में जमा कर रखे हैं।
हरेंद्र प्रजापति ने चार लाख रुपये बहन की शादी में खर्च कर दिए। दो लाख 30 हजार रुपये दोनों ने सामूहिक रूप से खर्च किए।
एसपी ने बताया कि गत 20 जनवरी, 2022 को झुरा गांव निवासी दशरथ राम ने गढ़वा थाना में आवेदन दिया।
इसमें कहा कि दो लोगों ने खुद को माइक्रो फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बताकर 50 लाख लोन दिलाने के नाम पर सिक्योरिटी मनी के रूप में 11 लाख 30 हजार रुपये लिए। इसके बाद वह फरार हो गए।
कांड के अनुसंधान के लिए पुलिस की ओर से एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की। इस दौरान गढ़वा रेलवे स्टेशन रोड के पास निजी होटल में गत छह जनवरी और 16 जनवरी को दो संदिग्ध लोगों के ठहरने के प्रमाण मिला। इसमें फर्जी आधार कार्ड व मोबाइल नंबर का प्रयोग किया गया था।
पुलिस ने इन लोगों के बारे में जांच कर पूरी जानकारी जुटाई। इसके बाद दोनों के बिहार स्थित घर पर छापेमारी की गई। वहां से दोनों को हिरासत में लिया गया।
अपराधियों ने उगले कई राज
अपराधियों ने पुलिस को बताया कि पूर्व में रोशन कुमार दिल्ली में रहकर ऑटो चलाता था। कम आमदनी होने के कारण वह धोखाधड़ी का धंधा करने लगा।
दिल्ली में ही कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया। देश में लॉकडाउन लगने के बाद वह अपने गांव वापस आ गया।
इसके बाद अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर झारखंड में ठगी का धंधा शुरू करने का फैसला किया। दोनों झारखंड पहुंचे।
गढ़वा व पलामू के मेदिनीनगर को अपना नया ठिकाना बनाया। इसी दौरान झुरा निवासी दशरथ राम को अपने जाल में फंसा लिया।
दोनों ने पहले आधे दर पर उसे पहले नकली नोट के नाम पर असली नोट दिया था। नोट चल जाने के बाद दशरथ राम ठगों के झांसे में आ गया। वह दोगुने नोट पाने की लालच में 11.30 रुपए दे गया।
इससे बदले इन लोगों ने उसे सील बंद कागज के बंडल दे दिए। जब दशरथ राम ने घर जाकर देखा तो उसके पैर के नीचे की जमीन खिसक गई। दशरथ राम ने थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया। इसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ।