गिरिडीह: जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर प्रखंड से पांच-पांच ममता वाहन चलाया जाएगा। इससे गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए निजी वाहनों या अन्य साधनों का जुगाड़ करने से निजात मिल सकेगा।
ममता वाहन का संचालन होने से गर्भवती महिलाओं को काफी राहत मिलेगी जो जिले के सुदूर क्षेत्र के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। यह निर्णय उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने लेते हुए इससे संबंधित निर्देश सिविल सर्जन को दिया है।
उपायुक्त ने बताया कि गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा व सुविधा को ध्यान में रखते हुए काफी वर्षों से बंद पड़े ममता वाहन की सुविधा लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
कोविड-19 व जिले के भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए ममता वाहन का संचालन आवश्यक है। ऐसे में सभी प्रखंडों से पांच-पांच ममता वाहन चलाकर गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव की बेहतर सुविधा दी जाएगी।
ममता वाहन संचालन से संबंधित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया गया है। कहा है कि ममता वाहन किसी भी स्वास्थ्यकर्मी का न हो और न हीं पूर्व से कोर्ट में चल रहे ममता वाहन से संबंधित केस में नामित संचालक के वाहन के साथ एकरारनामा नहीं किया जाए।
ममता वाहन के लिए प्रखंड स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित करने, भुगतान संबंधित चिकित्सा प्रभारी की ओर से करने, कॉल सेंटर को 24 घंटे संचालित करने का भी निर्देश दिया गया है।