रांची: झारखंड में हाई स्कूल से प्लस टू स्कूल में बहाल होने वाले लगभग 520 शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है।
वर्तमान में मिल रहे वेतनमान में हर माह करीब 10 से 15 हजार रुपए की वृद्धि होने वाली है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी है।
क्या है मामला
झारखंड में वर्ष 2012, 2017 और 2018 में हाई स्कूल के शिक्षकों की प्लस टू स्कूलों में नियुक्ति की गई है। इन तीनों वर्ष की नियुक्ति प्रक्रिया में 2010 में हाई स्कूलों में नियुक्त शिक्षक शामिल हुए।
2012 में करीब 350, 2017 में सौ और 2018 में करीब 70 शिक्षक हाई स्कूल से प्लस टू स्कूल में योगदान किए।
इन शिक्षकों को हाई स्कूलों में ज्यादा वेतनमान मिल रहा था, जबकि प्लस टू में योगदान करने पर वेतनमान बढ़ने के बजाय कम हो गया था।
प्लस टू में नियुक्ति के बावजूद कम मिल रहा था वेतनमान
2010 में हाई स्कूल में योगदान करने वाले शिक्षकों को 17,140 का वेतनमान मिल रहा था।
2012 में इनका वेतनमान दो इंक्रीमेंट के बाद 18,190 रुपए हो गया था लेकिन उसी वर्ष प्लस टू स्कूलों में नियुक्त होने पर उन्हें 18,150 रुपए का वेतनमान मिला। यह छठे वेतन आयोग में उन्हें मिल रहा था।
वहीं, 2017 में इतिहास, भौतिकी व रसायन शास्त्र के शिक्षकों की प्लस टू में नियुक्ति हुई।
हाईस्कूलों में इन शिक्षकों को 55,200 का स्केल मिल रहा था, जबकि प्लस टू में योगदान करने पर 45600 रुपए का वेतनमान ही मिला।
2018 में हाई स्कूल के शिक्षकों का वेतनमान 56,900 हो गया था, बावजूद इसके प्लस टू में योगदान करने पर उन्हें 47,600 रुपए ही वेतनमान के रूप में मिले। ऐसे में हर महीने 10 हजार से 15 हजार रुपए उन्हें कम मिल रहे हैं।
विभाग ने मांगी यह अहम जानकारी
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के अवर सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से हाई स्कूल से प्लस टू स्कूल में नियुक्त होने वाले शिक्षकों की जानकारी मांगी है।
इसमें प्लस टू स्कूल के शिक्षक का नाम, नियुक्ति की तिथि, वर्तमान में किस विद्यालय में पदस्थापित हैं, वर्तमान वेतनमान, हाई स्कूल में हुई नियुक्ति की तिथि, अंत में किस विद्यालय में पदस्थापित थे, क्या वेतनमान मिल रहा था और हाई स्कूल में सेवा संपुष्ट ( परमानेंट) होने का आदेश और तिथि की जानकारी देनी है।
हाई में 13616 व प्लस टू में 3064 पद हैं खाली
हाई स्कूलों में शिक्षकों के 25,169 पदों में से मात्र 11,553 पदों पर शिक्षक नियुक्त हैं, जबकि 13616 पद अभी भी खाली हैं।
यही हाल प्लस टू स्कूलों का भी है। 5610 शिक्षकों के पद में से मात्र 2546 शिक्षक ही कार्यरत हैं और 3064 पद अभी भी खाली हैं।