रांची: उच्चस्तरीय कमेटी की अनुशंसा के आलोक में राज्य के +2 School में 1033 पद की स्वीकृति के लिए वित्त विभाग (Finance Department) को प्रस्ताव भेजा गया है।
वित्त विभाग (Finance Department) के अप्रूवल के बाद इसे कैबिनेट में अप्रूवल के लिए भेजा जायेगा। इस आशय की जानकारी एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट को दी गयी।
राज्य के प्लस टू स्कूलों के लिए जिन 1033 पदों को स्वीकृति के लिए भेजा गया है, उनमें सोशियोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, फिलॉस्फी, एंथ्रोपोलॉजी, कंप्यूटर, जियोलॉजी, क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा आदि 20 विषय/भाषाएं शामिल हैं।
स्कूलों में प्लस टू पढ़ाई से संबंधित डाटा का कलेक्शन हाई लेवल कमिटी करेगी
इनमें से सोशियोलॉजी (Sociology) के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई पद नहीं दर्शाया गया है, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार ने पैरवी की। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई हुई।
उल्लेखनीय है कि राज्य में प्लस 2 स्कूलों (Plus 2 schools) में सोशियोलॉजी, पॉलिटिकल साइंस, फिलासफी, एंथ्रोपोलॉजी क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा आदि के शिक्षक नहीं होने को लेकर एक जनहित याचिका पूर्व में दाखिल की गयी थी।
इस जनहित याचिका को राज्य सरकार के इस जवाब पर निष्पादित कर दिया गया, जिसमें सरकार की ओर से कहा गया था कि उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे चार राज्यों में स्कूलों में प्लस टू पढ़ाई से संबंधित डाटा का कलेक्शन हाई लेवल कमिटी करेगी।
कोर्ट ने चार माह में याचिका को निष्पादित कर दिया था
ऐसा नहीं होने पर इस मामले में पूर्व में अवमानना याचिका दाखिल की गयी थी, जिस पर सुनवाई के क्रम में स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव ने शपथ पत्र दाखिल कर कहा था कि मल्टी मेंबर कमेटी की रिपोर्ट आ गयी है।
कुछ सुधार के लिए फिर से कमेटी के पास भेजा गया है और फाइनल रिपोर्ट जल्द आ जायेगी। इस पर कोर्ट ने चार माह में पूरे एक्सरसाइज (Excercise) को पूरा कर लेने का निर्देश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया था।