रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर लंबे समय से नियुक्ति नहीं होने पर चिंता जतायी है। उन्होंने इसे एक गंभीर समस्या बताया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को भी रोस्टर क्लियरेंस कर समय पर भेज देना चाहिए।
शिक्षण संस्थानों में आधारभूत संरचनाएं मौजूद होनी चाहिए। विद्यार्थियों के भविष्य के साथ किसी भी स्थिति में खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। अब कक्षाएं भी ऑफलाइन प्रारंभ हो गयी हैं। हमें विद्यार्थियों के शिक्षण पर और विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
राज्यपाल सह झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने ये बातें सोमवार को उस वक्त कहीं, जब वह राजभवन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर रहे थे।
इस बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, अपर मुख्य सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग केके खंडेलवाल, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव शैलेश कुमार सिंह, प्रधान सचिव, योजना-सह-वित्त विभाग अजय कुमार सिंह, आयुक्त, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल-सह-प्रभारी कुलपति, डॉ नितिन कुलकर्णी सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रभारी कुलपति मौजूद थे।
राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय समयबद्ध होकर कार्य करें। किसी भी स्तर पर शिथिलता न बरतें। छात्रहित में कुलाधिपति कार्यालय विश्वविद्यालय के लिए हर क्षण उपलब्ध है।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि जेपीएससी द्वारा किसी पद पर चयन कर अनुशंसा करने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा योगदान कराने में विलंब कराना उचित नहीं है। विश्वविद्यालय को किसी प्रकार की शंकाएं हों, तो कुलाधिपति कार्यालय में उन शंकाओं को तथ्यों के साथ अविलंब भेजें।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में कई गंभीर समस्याएं हैं, लेकिन इच्छाशक्ति से निदान किया जा सकता है। इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की इस चिंताजनक स्थिति में सुधार लाना हमारी प्राथमिकता है।
राज्यपाल द्वारा बैठक में निर्देशित किया गया कि विश्वविद्यालयों में कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पद यदि रिक्त हों, तो उन पदों पर अविलंब नियुक्तियां की जायें।
उन्होंने बैठक में वित्त विभाग से कहा कि शिक्षाहित में विश्वविद्यालयों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने की कोशिश करें। इस अवसर पर सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय अंतर्गत महिला महाविद्यालय परिसर में प्राचार्य आवास के निर्माण पर भी चर्चा हुई।
बैठक में जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय आपत्तियों का जवाब शीघ्र प्रेषित करें।
इस अवसर पर केके खंडेलवाल ने कहा कि सभी नियम-कानूनों के तहत कार्य करें। किसी कर्मी के वेतन निर्धारण के लिए प्रस्ताव सही तथ्यों के साथ प्रेषित करें। अनावश्यक मामले न आयें, सभी जवाबदेही के साथ कार्य करें।
बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा अपने यहां शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों के स्वीकृत पद की संख्या, कार्यरत कर्मियों एवं रिक्त पदों की संख्या के साथ विभिन्न आवश्यकताओं के संदर्भ में भी अवगत कराया गया।