“Manish Jaiswal Threatens Indefinite Dharna Over Barkagaon Incident”: हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत महुदी गांव में रामनवमी मार्ग पर लगाया गया प्रतिबंध अब जिला प्रशासन के लिए नासूर बन गया है। पहले तो ग्रामीणों ने वह प्रतिबंध हटाने के लिए धरना दिया।
इस धरना को समाप्त करने के लिए पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों की पिटाई कर दी। अब इस मामले पर हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। वे बुधवार को महुदी गांव पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की।
साथ ही कहा कि ग्रामीणों की पिटाई के मामले में दोषियों पर 48 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए, नहीं तो बड़कागांव थाने के बाहर ही अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।
सांसद ने कहा कि प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे आंदोलनकारी अमन कुमार और अजय सिंह को सोमवार की रात पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
घर पर सो रहे स्थानीय भोला प्रसाद को पुलिस उठाकर विवाद स्थल पर ले गई और उनकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे भोला महतो बुरी तरह घायल हो गए।
सांसद ने महुदी, शिवाडीह, सोनपुरा, हरली, विश्रामपुर, नयाटांड़, चोपदार बलिया सहित आसपास के कई गांवों में पंहुचकर स्थानीय लोगों से मिलकर बात की। भोला महतो के पक्ष से बड़कागांव थाने को आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करने के लिए एफआईआर करने का आवेदन दिया।
मनीष जायसवाल ने प्रशासन को 19 जुलाई तक संबंधित दोषियों पर कार्रवाई करने को कहा है। इसके बाद बड़कागांव थाने के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि मोहर्रम का जुलूस पार करने के लिए अमन और अजय को जेल भेजा गया था। एक ही जगह पर रामनवमी मार्ग पर प्रतिबंध लगाया जाता है और दूसरी और मोहर्रम जुलूस प्रशासनिक अधिकारी के संरक्षण में पार कराया जाता है। यह झारखंड में तुष्टिकरण की पराकाष्ठा की राजनीति को बखूबी प्रदर्शित करता है।