रांची: झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को सहायक अभियंता नियुक्ति से संबंधित प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण देने से संबंधित मामले में एकल पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में JPSC की ओर से कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में रिजर्वेशन नहीं दिया गया है। एकल पीठ ने भी JPSC की दलील को सही मानते हुए प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी है।
कोर्ट ने कहा कि अगर इस विज्ञापन के आधार पर कुछ नियुक्ति होती है तो वह इस LPA के अंतिम निर्णय से प्रभावित रहेगी।
अगली सुनवाई की तिथि 26 सितंबर को निर्धारित
कोर्ट ने JPSC को कहा कि वैसे अभ्यर्थी जो इंटरव्यू में शामिल हुए थे, उन्हें भी इसकी जानकारी दे दी जाए। JPSC की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल, राकेश रंजन और प्रिंस कुमार ने पैरवी की। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 26 सितंबर निर्धारित की।
PT का संशोधित रिजल्ट या उसे रद्द करने के आग्रह एकल पीठ ने कर दिया था खारिज
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी की ओर से PT परीक्षा (PT exam) में आरक्षण दिए जाने को गलत बताते हुए एकल पीठ में इससे पहले रिट दायर (Writ Filed) की गई थी।
उनकी ओर से कहा गया था कि सहायक अभियंता नियुक्ति से संबंधित PT exam में आरक्षण देना गलत है। उनकी ओर से PT का संशोधित रिजल्ट या उसे रद्द करने का आग्रह किया गया था,
जिसे एकल पीठ ने खारिज कर दिया था और अब इसे खंडपीठ में चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता (Petitioner) भास्कर ने इस मामले में याचिका दायर कर कहा है कि सहायक अभियंता की नियुक्ति (Appointment) में कोटिवार रिजल्ट जारी किया गया है।
आरक्षित श्रेणी के कुछ अभ्यर्थियों को आरक्षण देते हुए सामान्य श्रेणी में रखा गया है, जबकि PT exam में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।