रांची: रिम्स में मंगलवार को लापरवाही का एक मामला प्रकाश में आया। मरीजों के इलाज में लगे मेडिकल कर्मियों को खाना अस्पताल प्रबंधन की ओर से दिया जा रहा है।
इसी खाने में मरी हुई छिपकली मिली है। इसके बाद कैंटीन से खाना खानेवाले डॉक्टर, स्टाफ और पारा मेडिकलकर्मियों के पसीने छूटने लगे।
बताया जा रहा है कि रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत वेंटिलेटर टेक्नीशियन ने रिम्स कैंटीन से दोपहर का खाना लिया था। टेक्नीशियन खाना लेकर चली गयी।
खाना खाने के वक्त जब उसने दाल के कंटेनर को खोला, तो उसकी दाल में मरी हुई छिपकली मिली।
टेक्नीशियन ने आनन-फानन में कैंटीन संचालक को बुलाकर इसकी जानकारी दी, जिसके बाद कई लोगों ने खाना नहीं खाया।
एडिशनल डायरेक्टर ने किया कैंटीन का निरीक्षण
रिम्स के कोविड सेंटर में ड्यूटी करनेवाले डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों को प्रबंधन की ओर से भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
रिम्स के पेइंग वार्ड में बने कैंटीन से हर रोज लगभग 120 लोगों को भोजन दिया जाता है।
इसके अलावा चाय-नाश्ता का भी यहां पर प्रबंध है।
दाल में मरी हुई छिपकली की जानकारी मिलने के बाद रिम्स के एडिशनल डायरेक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने कैंटीन का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने कैंटीन में बननेवाले भोजन की वस्तुस्थिति को देखा और गुणवत्ता की भी जानकारी ली।
साथ ही साफ-सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया।
इस संबंध में रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा, “खाने में मरी हुई छिपकली मिलने की जानकारी मेरे संज्ञान में है।
इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।”