झारखंड के किसानों को हेमंत सरकार दे रही 1.60 लाख रुपए तक का लोन, दस्तावेज…

कुल 4.15 लाख किसानों ने 25 हजार से 50 हजार रुपये तक का कर्ज लिया है। किसान क्रेडिट कार्ड लोन को लेकर आरबीआई की तरफ से नई गाइडलाइंस जारी की गई है

News Aroma Media

रांची : राज्य में किसानों (Farmer) को बिना किसी दस्तावेज के 1.60 लाख रुपये तक KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) लोन (Kisan Credit Card Loan) दिया जा रहा है।

अब किसानों को दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बैंक का चक्कर काटने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य में 1.60 लाख रुपये का KCC लोन लेने के लिए किसान को किसी भी तरह के दस्तावेज (गारंटी) देने की जरूरत नहीं है।

हालांकि, इस वर्ष मात्र तीन हजार किसानों ने ही डेढ़ लाख से दो लाख रुपये तक KCC ऋण लिया है। अधिकतम लोन 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये के बीच लिया जाता है।

कुल 4.15 लाख किसानों ने 25 हजार से 50 हजार रुपये तक का कर्ज लिया है। किसान क्रेडिट कार्ड लोन को लेकर RBI की तरफ से नई गाइडलाइंस जारी की गई है।

इस गाइडलाइंस के माध्यम से KCC लोन को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है। इसे किसानों यह फायदा होगा कि उन्हें लोन लेने के लिए किसी भी तरह के डॉक्यूमेंट को लेकर बैंक की ओर रुख करने की जरूरत नहीं है।

इसके तहत जैसे ही किसान KCC लोन के लिए अप्लाई करेंगे, वैसे ही बैंक अपने आप उसकी सारी जानकारी और दस्तावेज इकट्ठा कर लेगा और किसान का लोन पास कर दिया जाएगा।

चार फीसदी ब्याज का बोझ खुद उठाने का फैसला किया

झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को आश्वासन दिया था कि वह सबके 50 हजार रुपये तक का कर्ज चुकाएगी और इसके जरिए राज्य के 4.68 लाख किसानों का 50,000 रुपये तक का KCC ऋण माफ कर दिया गया है।

हालांकि, कुछ बचें किसानों के ऋण को लेकर बैंक में Verification की प्रक्रिया अभी भी जारी है। सत्यापन के बाद बाकी किसानों का भी 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया जाएगा।

राज्य में लगातार दो वर्ष से बारिश काफी कम मात्रा में हुई, जिस वजह से सुखाड़ की स्थिति बनी हुए। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है।

इस साल राज्य सरकार ने KCC पर लगने वाले चार फीसदी ब्याज (Interest) का बोझ खुद उठाने का फैसला किया है। दरअसल, KCC पर कुल सात फीसदी ब्याज देना होता है। इसमें अब तक तीन फीसदी ब्याज केंद्र सरकार और तीन फीसदी राज्य सरकार देती है।