रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शुक्रवार को मिलावटी खाद्य पदार्थों के मामले में कोर्ट के स्वत: संज्ञान पर सुनवाई हुई।
खंडपीठ ने राज्य सरकार से खाद्य पदार्थों की जांच से संबंधित एक साल का विवरण मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि राज्य के जिलों में फूड सेफ्टी ऑफिसर (Food Safety Officer) के द्वारा प्रति माह कितने खाद्य पदार्थों (कच्चे और पक्के) के सैंपल को एकत्रित किया गया।
इसमें से कितने सैंपल गलत पाए गए, जो खाद्य पदार्थ के सैंपल (Sample) गलत पाए गए उनके संचालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई।
मिलावटी खाद्य पदार्थों की रोकथाम जरूरी
लैब में खाद्य पदार्थों की किस-किस तरह की जांच होती है। इन सारी चीजों के बारे में हाई कोर्ट (High Court) ने सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि मिलावटी खाद्य पदार्थों (Adulterated Foods) की रोकथाम जरूरी है, इसके लिए नियमित रूप से सैंपल की जांच होनी चाहिए ताकि मिलावटी खाद्य पदार्थों को खाकर लोग बीमार ना पड़े।