रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को राज्य में लैंड सर्वे (Land Survey) पूरा करने को लेकर दाखिल गोकुल चंद की जनहित याचिका की सुनवाई की।
कोर्ट ने राज्य सरकार को 2 सप्ताह में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। High Court ने सरकार से पूछा है कि झारखंड में लैंड सर्वे का काम कब तक पूरा होगा? मामले की अगली सुनवाई चार मई को होगी।
लैंड का सर्वे
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सबसे पहले 1932 में लैंड का सर्वे हुआ था।
इसके बाद झारखंड में 1980 से Land Survey की प्रक्रिया शुरू हुआ था। धनबाद में ही मात्र लैंड सर्वे का काम पूरा हुआ है।
इसलिए राज्य के सभी जिले में जल्द से जल्द Land Survey कराया जाए, ताकि लैंड का मैनिपुलेशन ना हो।
भू-माफियाओं द्वारा गलत ढंग
याचिकाकर्ता का कहना था कि झारखंड में लैंड सर्वे होने से लैंड का रिकॉर्ड बनेगा।
भू-माफियाओं द्वारा सरकारी और वन भूमि (Forest Land) की जमीन की गलत ढंग से खरीद बिक्री पर रोक लगेगी।
याचिकाकर्ता का कहना है कि भू-माफियाओं (Land Mafia) द्वारा गलत ढंग से जो जमीन की खरीद-बिक्री की गई है उसके डीड को रद्द किया जाए। लैंड का सीमांकन किया जाए और इसे प्रकाशित किया जाए।