रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में गुरुवार को तापीन साउथ प्रोजेक्ट सीसीएल चरही, (Tapin South Project CCL Charhi) हजारीबाग के विस्थापितों द्वारा 187 दिनों से अपनी मांगों को लेकर किए गए धरने के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा उनसे मारपीट की घटना की निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करने वाली शक्ति देवी एवं अन्य की क्रिमिनल रिट की सुनवाई हुई।
हाई कोर्ट के जस्टिस SK द्विवेदी की कोर्ट ने मामले में CCL एवं राज्य सरकार को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया।
अगली सुनवाई 12 सितंबर निर्धारित
हाई कोर्ट ने मामले में प्रतिवादियों विष्णुगढ़ के तत्कालीन DSP अनुज उरांव, सर्किल इंस्पेक्टर इदरीश अंसारी, मुफ्फसिल थाना इंचार्ज बजरंग महतो, चरही थाना के ऑफिसर इंचार्ज देवेंद्र कुमार सिंह एवं इंस्पेक्टर महेंद्र प्रसाद सिंह सहित CCL के दो अधिकारियों तापीन साउथ प्रोजेक्ट के JM नीरज सिन्हा एवं सिक्योरिटी इंचार्ज संजय प्रसाद को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पांडे नीरज राय, रोहित रंजन सिन्हा, अभिषेक अग्रवाल ने पैरवी की।
तापीन साउथ प्रोजेक्ट सीसीएल के विस्थापित अपनी मांगों को लेकर 22 अगस्त, 2022 से विस्थापित-प्रभावित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले धरना दे रहे थे।
43 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
धरना के 187 दिन 20 फरवरी को असामाजिक तत्वों ने धरना कर कर रहे हैं लोगों के साथ मारपीट की लेकिन पुलिस ने धरना दे रहे विस्थापितों के खिलाफ ही तीन प्राथमिक की दर्ज की।
पुलिस ने मामले में धरना दे रहे 43 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया था। विस्थापितों का कहना था कि जिन असामाजिक तत्वों ने उन्हें पीटा है उनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे लोगों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की गई।