झारखंड हाई कोर्ट के PIL नियम की पांच धाराओं को दी गई चुनौती, अब कोर्ट…

याचिका में झारखंड जनहित याचिका नियम 2010 की 5 धाराओं को असंवैधानिक बताया गया है। कहा गया है कि हाई कोर्ट की जनहित याचिका नियम से संबंधित प्रावधान अस्पष्ट हैं

News Aroma Media
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रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) की जनहित याचिका नियम 2010 (Public Interest Litigation Rules 2010) की 5 धाराओं को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। प्रार्थी मंटू सोनी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने यह याचिका दायर की है।

5 धाराओं को बताया असंवैधानिक

याचिका में झारखंड जनहित याचिका नियम 2010 की 5 धाराओं को असंवैधानिक बताया गया है। कहा गया है कि हाई कोर्ट की जनहित याचिका नियम से संबंधित प्रावधान अस्पष्ट हैं।

इस वजह से संबंधित पक्षों को याचिका प्रभावित करने के लिए संवैधानिक मूल्य प्रभावित होते हैं। याचिका में झारखंड सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ लॉ के सेक्रेट्री और झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाया गया है।

अवेडा को में भ्रम की स्थिति का जिक्र

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका से संबंधित प्रावधान में यह स्पष्ट किया है कि जनहित याचिका के आवेदक को किन-किन बिंदुओं पर स्पष्ट जानकारी देनी है।

लेकिन, झारखंड हाई कोर्ट के जनहित याचिका नियम (Public Interest Litigation Rules) की धाराओं में अस्पष्टता है। इससे आवेदकों में भ्रम की स्थिती उत्पन्न हो जाती है और संवैधानिक मूल अधिकार भी प्रभावित होते हैं।

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