Jharkhand High Court directed DGP to submit SOP: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली के दिन हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी के कांके रोड में जाम में फंसने मामले में DGP को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट की खंडपीठ ने शुक्रवार काे सुनवाई के बाद डीजीपी को एसओपी के माध्यम से बताने को कहा है कि धरना-प्रदर्शन आदि के दौरान आम लोगों को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय किए जाएंगे। कोर्ट ने मौखिक कहा कि भीड़ का मूड कोई नहीं जानता है।
इसलिए किसी खास व्यक्ति की सुरक्षा में बड़े पैमाने व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय जिला प्रशासन को आम लोगों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना होगा। सभी की जान की कीमत है। आपको धरना-प्रदर्शन की तिथि की जानकारी होती है वैसे में वैकल्पिक मार्ग का भी सहारा लिया जा सकता है। जिला प्रशासन को माइंडसेट बदलने की जरूरत है। धरना -प्रदर्शन आदि के दौरान प्रशासन एक खास जगह पर सिर्फ फोकस ना करें।
कोर्ट ने कहा कि Good Governance के तहत लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन करने की जरूरत है ताकि सोसाइटी सुरक्षित रहे। भीड़ को पुलिस का भय हो, यह प्रशासन को देखना जरूरी है।
साथ ही जिस किसी खास जगह पर धरना-प्रदर्शन या कार्यक्रम हो रहे हैं वहां पुलिस बल की पूरी तैनाती होनी चाहिए ताकि भीड़ को कोई मौका ना मिले। कोर्ट ने मामले में DGP को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए अगली सुनाई 20 सितंबर निर्धारित की है।
रांची में 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा की आक्रोश रैली के दिन हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी के कांके रोड में जाम में फंसने मामले में रांची DC, DGP, रांची SSP, ट्रैफिक एसपी हाईकोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए थे।
कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इसे हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के पास भेज दिया था। उसे दौरान डीजीपी ने कोर्ट से कहा था कि दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी।