रांची: झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को रिम्स की स्थिति सुधार मामले की एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
अदालत ने रिम्स से चार सप्ताह के अंदर विस्तृत जवाब मांगा है।
अदालत ने रिम्स को डिटेल एफिडेविट दायर करते हुए वहां डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य खाली पदों की भी जानकारी मांगी है।
मुख्य न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
इसके साथ ही अदालत ने यह भी जानना चाहा है कि रिम्स में किन किन पदों पर नियुक्ति के लिए कब-कब विज्ञापन निकाला गया।
अदालत में इस संबंध में भी जानकारी मांगी है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कौन-कौन से स्वास्थ उपकरण खरीदे गए हैं।
इन सभी बिंदुओं पर 4 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश अदालत ने दिया है। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा।
जबकि रिम्स की ओर से अधिवक्ता आकाशदीप ने कोर्ट में पक्ष रखा।
मालूम हो कि कोरोना काल के दौरान रिम्स से लगातार लापरवाही बरतने की खबर सामने आ रही थी।
जिस पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था और उस स्वत संज्ञान को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था।