Instant internet broadband and fiber line service: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य में तत्काल इंटरनेट की ब्रॉडबैंड और फाइबर लाइन सेवा बहाल करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है।
हाई कोर्ट ने रविवार को पूरे राज्य में इंटरनेंट सेवा बंद किए जाने पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की। जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सरकार को यह निर्देश दिया कि 20 सितंबर को जो इंटरनेट सेवा जारी थी, उसे तत्काल बहाल किया जाए।
इसके साथ अदालत ने सरकार को छह सप्ताह में इंटरनेट बंद किए जाने के लिए तैयार की गई एसओपी पेश करने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट आदेश में बदलाव सरकार द्वारा क्यों किया गया?
इस मामले में स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने बहस की जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बहस की।
कोर्ट ने उनसे मौखिक कहा कि शनिवार के हाई कोर्ट आदेश में बदलाव सरकार द्वारा क्यों किया गया? कल मोबाइल डाटा बंद रहने की बात कही गई थी लेकिन रविवार को Internet service बंद करने की मैसेज मोबाइल कंपनियों की ओर लोगों दिया गया।
शनिवार के आदेश में बदलाव करना राज्य सरकार का Fraud है, यह क्रिमिनल अवमानना का मामला बनता है। हाई कोर्ट की खंडपीठ ने तुरंत इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश राज्य सरकार को दिया। साथ ही अचानक इंटरनेट सेवा बंद करने को लेकर राज्य सरकार की नीति के संबंध में छह सप्ताह में जवाब मांगा है।