रांची: Jharkhand High Court के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट ने बुधवार को जिमखाना क्लब (Gymkhana Club) की जमीन पर बन रहे न्यूक्लियस मॉल को लेकर यूनियन ऑफ इंडिया (Union of India) मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (Ministry of Defense) की याचिका पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सेना के अधिकारियों की याचिका को खारिज कर दिया है।
पूर्व में Court ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
प्रतिवादी चैलिश रियल स्टेट की ओर से सुमित गड़ोदिया ने पक्ष रखा। केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार एवं अधिवक्ता प्रभात कुमार सिन्हा ने पैरवी की।
जिस गाइडलाइन का हवाला दिया जा रहा है वह वर्ष 2022 का है
सेना के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि जिमखाना की जमीन पर जो मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बन रहा है वह सेना की जमीन के बगल में है।
खेलगांव में सेना की जमीन के निकट NCC Urban Infra Private Limited द्वारा बहुमंजिला इमारत बनाया जा रहा है।
नियम के अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोण से सेना की जमीन से 50 मीटर की दूरी पर बिल्डिंग (Building) का निर्माण कार्य होना चाहिए था।
प्रतिवादियों की ओर से कहा गया कि सेना की ओर से जिस गाइडलाइन (Guideline) का हवाला दिया जा रहा है वह वर्ष 2022 का है, जो इसमें अप्लाई नहीं होता है।
वर्ष 2016 का Guideline इसमें अप्लाई होता है, जिसमें कहा गया है कि सेना की जमीन से 10 मीटर की दूरी पर किसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य हो सकता है।