रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में गुरुवार को जिला उपभोक्ता आयोग में ज्यूडिशियल (Judicial) एवं नन ज्यूडिशियल (Non Judicial) मेंबर की नियुक्ति से संबंधित सुनील उरांव, नवीन झा की जनहित याचिका (Public Interest litigation) पर सुनवाई हुई।
खंडपीठ ने सरकार का पक्ष जानने के बाद मामले को निष्पादित कर दिया।
दो जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में ज्यूडिशियल एवं नन ज्यूडिशियल की नियुक्ति
मामले में राज्य सरकार (State Government) की ओर से बताया गया कि दो जिलों (Districts) साहिबगंज और पाकुड़ को छोड़कर अन्य जिलों में Judicial एवं Non Judicial की नियुक्ति जिला उपभोक्ता (District Consumer) आयोग में कर ली गई है। शेष जिलों में भी जल्द नियुक्ति कर ली जाएगी।
कंज्यूमर प्रोटक्शन रूल्स 2020 आया
इस पर खंडपीठ ने सरकार को कहा कि कंज्यूमर प्रोटक्शन रूल्स 2020 आया हुआ है। इसमें प्रावधान है कि अगर ज्यूडिशियल मेंबर (Judicial Member) नहीं मिलते हैं तो उनके स्थान पर 7 साल से जो अधिवक्ता लगातार कंज्यूमर अफेयर के मैटर में प्रैक्टिस कर रहे हैं, उनमें से भी किसी अधिवक्ता की नियुक्ति की जा सकती है।
कोर्ट ने कहा कि भविष्य में भी अगर Judicial Member की पोस्ट खाली होती हैं तो उसमें भी इस रूल की सहायता से पद को भरा जा सकता है।
जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त
कोर्ट (Court) ने कहा कि जहां अभी जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष (President) के पद रिक्त हैं, वहां दूसरे जिलों से प्रभार देकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभात सिंह एवं शुभाशीष रसिक सोरेन ने पैरवी की।