रांची: झारखंड कोर्ट के चीफ जस्टिस (Jharkhand Court Chief Justice) डॉ रवि रंजन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को AAS कॉलेज देवघर के शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान से संबंधित एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (Sidhu Kanahu Murmu University) और राज्य सरकार की (State Government) अपील पर सुनवाई की। इस दौरान सिदो कान्हू मुर्मू विवि के जवाब पर कड़ी नाराजगी जताई।
सिदो कान्हू मुर्मू विवि (Sidhu Kanahu Murmu University) की ओर से प्रतिशपथ पत्र दाखिल कर कहा गया था कि शिक्षकों के वेतन से संबंधित मामले में एलपीए (LPA) दायर करने के निर्णय की संचिका नहीं मिल पा रही है।
जिस पर कोर्ट ने (Court) नाराजगी जताते हुए सिदो कान्हू मुर्मू विवि के वाइस चांसलर को 14 नवंबर को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
पूर्व की सुनवाई में खंडपीठ ने यह स्पष्ट करते हुए राज्य
सरकार को शपथ पत्र दायर करने को कहा था कि जब आप एकल पीठ के आदेश से प्रभावित नहीं हैं तो आपने क्यों अपील दायर की। कोर्ट ने (Court) सिदो कान्हू मुर्मू विवि को भी निर्देश दिया था कि शिक्षकों के बकाया वेतन से संबंधित पूरी फाइल को सीलबंद कोर्ट में प्रस्तुत करें तथा किन परिस्थितियों में आपने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ एलपीए दाखिल करने का निर्णय लिया है उसे प्रति शपथ पत्र दाखिल कर बताए।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। वहीं सिदो कान्हू मुर्मू विवि के द्वारा बताया गया कि एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में एलपीए दायर करने से संबंधित निर्णय की संचिका नहीं मिल रही है।
क्या है मामला
एएस कॉलेज देवघर में वर्ष 1990 के आसपास कई शिक्षक बहाल किए गए थे। हाई कोर्ट की (High COurh एकल पीठ ने वर्ष 2018 में इन शिक्षकों को नियमितीकरण से वंचित रखते हुए यह आदेश पारित किया था कि जिस अवधि में प्रार्थी शिक्षकों के द्वारा शिक्षण कार्य किया गया है उस अवधि का उन्हें लोएस्ट वेतनमान दिया जाए।
एकल पीठ के आदेश के आलोक में सिदो कान्हू मुर्मू विवि के द्वारा राज्य सरकार से उक्त शिक्षकों के बकाया वेतन आदि की मांग की गई थी।
उसके बाद राज्य सरकार ने ( state Government) सिदो कान्हू मुर्मू विवि को निर्देश दिया कि या तो वह अपने आंतरिक स्रोत से प्रार्थी शिक्षकों के वेतन का भुगतान करें या एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में एलपीए दायर करे।
इसके बाद राज्य सरकार और सिदो कान्हू मुर्मू विवि दोनों की ओर से हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील दायर की गई।