रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने आपराधिक मामले में दिए जाने वाले शपथपत्र की वैधता अब 21 दिनों की कर दी है।
इस तरह के मामले दायर करने के लिए पैरवीकार को एक शपथपत्र दाखिल करना पड़ता है। शपथपत्र में सम्बंधित व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी रखने की बात कही जाती है।
फिलहाल पैरवीकार की ओर से एफिडेविट किए जाने के सात दिनों के अंदर ही याचिका दायर की जा सकती थी और सात दिनों की अवधि खत्म होने के बाद शपथपत्र की वैधता खत्म हो जाती थी।
लेकिन हाई कोर्ट नियम को शिथिल करते हुए अब इसकी वैधता 21 दिनों तक कर दी है। यह प्रावधान फिलहाल 16 नवम्बर तक के लिए किया गया है।
झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने हाई कोर्ट में रिट दायर कर अदालत से कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए आपराधिक मामलों में शपथपत्र की वैधता सात दिनों से बढ़ाये जाने का आग्रह किया था।
इसके बाद हाई कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए यह प्रावधान लागू किया है।
हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के महासचिव नवीन कुमार ने मंगलवार को बताया कि हाई कोर्ट की ओर से शपथपत्र की वैधता की अवधि तीन सप्ताह बढ़ाये जाने से आपराधिक मामलों की फाइलिंग में तेजी आएगी और लंबित मामलों का निष्पादन भी तेजी से होगा।