Jharkhand High Court: CBI की आपत्ति के बावजूद अदालत ने सुनाया फैसला, न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने सोमवार को सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत की मंजूरी दे दी। इनमें रांची के अपर समाहर्ता (लॉ एंड ऑर्डर) राजेश्वर नाथ आलोक सहित कई अफसर शामिल हैं
झारखंड की प्रशासनिक सेवा में हुए पहले JPSC नियुक्ति घोटाले में नामजद 18 अधिकारियों को झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की एकल पीठ ने सोमवार को सभी आरोपियों को अग्रिम जमानत की मंजूरी दे दी। इनमें रांची के अपर समाहर्ता (लॉ एंड ऑर्डर) राजेश्वर नाथ आलोक सहित कई अफसर शामिल हैं।
CBI की याचिका हुई खारिज, हाईकोर्ट से मिली सुरक्षा
इन सभी ने CBI की विशेष अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी थी, लेकिन वह खारिज हो गई थी। इसके बाद सभी आरोपी हाईकोर्ट पहुंचे और नई अर्ज़ी दाखिल की। सुनवाई के दौरान CBI ने इनकी ज़मानत का जोरदार विरोध किया, लेकिन अदालत ने तथ्यों के आधार पर सभी आरोपियों को राहत दे दी।
JPSC चयन सूची से जुड़े हैं सभी आरोपी
ये सभी 18 अधिकारी JPSC की पहली परीक्षा के माध्यम से नियुक्त किए गए थे। उनके खिलाफ चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं। सीबीआई इस मामले की गहन जांच कर रही है और पहले से ही कई दस्तावेज़ जब्त कर चुकी है।
जिन्हें राहत मिली, उनमें ये नाम प्रमुख
- राजेश्वर नाथ आलोक
- कमलेश्वर नारायण
- सुदर्शन मुर्मू
- कामेश्वर राम
- अनिल कुमार यादव
- हरिवंश पंडित
- योगेंद्र प्रसाद
- सीमा सिंह
- सुषमा नीलम सोरेंग
- अनंत कुमार
- राजीव कुमार
- ज्योति झा
- संतोष कुमार गर्ग
- लक्खी राम बासकी
अभी अग्रिम जमानत, जांच जारी रहेगी कोर्ट का यह आदेश केवल अग्रिम जमानत तक सीमित है। इसका मतलब है कि गिरफ्तारी से तो सुरक्षा मिल गई है, लेकिन जांच और सुनवाई की प्रक्रिया पर इसका असर नहीं पड़ेगा। सभी आरोपी अब सहयोग करते हुए जांच का सामना करेंगे।