Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने शुक्रवार को राज्य के जिलों में शराब के होलसेल एवं रिटेल के टेंडर में गड़बड़ी से संबंधित उमेश कुमार की जनहित याचिका की सुनवाई की।
मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार की हस्तक्षेप याचिका (IA) को स्वीकृत करते हुए इस केस से याचिकाकर्ता उमेश कुमार और उनके अधिवक्ता राजीव कुमार का नाम हटाने का निर्देश दिया।
राज्य सरकार की ओर से IA दाखिल कर कहा गया था कि इस केस के याचिकाकर्ता एवं उनके अधिवक्ता राजीव कुमार का Credential सही नहीं है। इसलिए इन दोनों का नाम इस केस से हटाया जाये।
इसके बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता एवं उनके अधिवक्ता का नाम इस केस से हटाने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल निर्धारित की।
पूर्व की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के जिलों में शराब के होलसेल के टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपये नन रिफंडेबल राशि तय की गई थी। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के विभिन्न जिलों में शराब के होलसेल और रिटेल का टेंडर लेने के लिए Kolkata से झारखंड के तीन जिलों में अलग-अलग खातों में करोड़ों रुपये भेजा गया था।
यह उन कंपनियों के खाते में भेजा गया था, जहां जिनके खाते में मात्र दो-चार हजार रुपये हुआ करते थे। उसी खाते से सारा पैसा राज्य के अन्य जिलों में शराब के होलसेल (Liquor Wholesale) के टेंडर के लिए 25-25 लाख रुपये जमा करने में इस्तेमाल हुआ था।
कोलकाता से भेजे गये पैसों का इस्तेमाल शराब माफिया की ओर से झारखंड के सभी जिलों में शराब के होलसेल का टेंडर लेने के लिए किया गया था।