झारखंड

₹200 के मर्डर मामले में 27 साल बाद हाईकोर्ट में पूरी हुई सुनवाई, फैसला रिजर्व

Hearing in Murder Case Completed in High Court: मंगलवार को 200 रुपए के लिए मर्डर के मामले (Murder Case) में झारखंड हाईकोर्ट में 27 साल बाद सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला रिजर्व कर लिया है।

मामला यह है कि लखन पंडित ने नन्नू लाल महतो (Nannu Lal Mahato) से 200 रुपए यह कहते हुए उधार लिया था कि उसके खेत पर काम कर यह पैसा लौटा देगा।

लखन पंडित ने खेत में योगदान नहीं दिया और न ही नन्नू लाल महतो का पैसा लौटाया।

इसके बाद 3 सितंबर 1993 को महतो उससे पैसा मांगने उसके गांव शाम छह बजे गया, लेकिन वह घर नहीं लौटा था। बाद में दूसरे दिन एक अन्य गांव में नन्नू लाल महतो की लाश मिली थी।

निचली अदालत ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, तीन सितंबर 1993 को देवघर के जसीडीह थाना क्षेत्र में नन्नू लाल महतो की हत्या हुई थी।

इस मामले में देवघर की निचली अदालत ने 6 जून 1997 को आरोपी लखन पंडित, जमादार पंडित, लक्खी पंडित एवं किशुन पंडित को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

24 साल तक लंबित रहा मामला

बता दें किज्ञसभी ने वर्ष 1997 में पटना हाईकोर्ट में सजा के खिलाफ अपील की। पटना हाईकोर्ट ने सभी को जमानत प्रदान कर दी।

झारखंड राज्य के गठन के बाद यह मामला पटना से झारखंड हाईकोर्ट स्थानांतरित हुआ। प्रार्थियों की ओर से किसी वकील ने पैरवी नहीं की। इस कारण 24 साल तक यह मामला लंबित रहा।

Jharkhand High Court ने इसी माह प्रार्थी का पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट के एक वकील को न्याय मित्र नियुक्त किया। मंगलवार को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

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