Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में राज्य में Nursing Home एवं हॉस्पिटल से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर झारखंड ह्यूमन राइट कॉन्फेडेरेशन की जनहित याचिका की गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक कहा कि झारखंड में Biomedical कचरा का ठीक से निष्पादन नहीं होने से नर्सिंग होम एवं अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल कचरा सड़कों पर बिखरे दिखते हैं, जिससे मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए सरकार या संबंधित अथॉरिटी को Biomedical West के निस्तारण को लेकर सजग रहने की जरूरत है।
कोर्ट ने मामले में डायरेक्टर इन चीफ, हेल्थ डिपार्मेंट को शपथ पत्र दाखिल कर यह बताने को कहा है कि झारखंड में संचालित कितने नर्सिंग होम एवं हॉस्पिटल निबंधित है, इनमें से कितने नर्सिंग होम अपने बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन को लेकर बायो Medical Waste Treatment Plant से जुड़े हैं।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई निर्धारित की है।इससे पूर्व राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड में अभी पांच जगहों लोहरदगा ,रामगढ़, पाकुड़, धनबाद एवं आदित्यपुर में Biomedical Waste Treatment Plant चल रहे हैं।
जबकि जबकि देवघर में अभी बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है।