Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में देवघर के पूर्व DC मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने एवं चुनावी कार्यों से उन्हें अलग रखने के इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) के आदेश के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई।
मामले में कोर्ट में मेंटिबिलिटी (याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं) पर बहस हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 26 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
मंजूनाथ के खिलाफ कोई प्रोसिडिंग कभी शुरू ही नहीं हुई
मामले में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रार्थी के पास इस मामले को High Court के अलावा सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में ले जाने का भी विकल्प है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई प्रोसिडिंग कभी शुरू ही नहीं हुई है। इसलिए इस मामले को कैट में ले जाना उचित नहीं है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस रिट पिटीशन सर्विस (WPC) को रिट पिटीशन सिविल (WPC) में बदलने के लिए कोर्ट के समक्ष आवेदन दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता (Advocate) इंद्रजीत सिंह, अधिवक्ता प्रेरणा झुनझुनवाला, अधिवक्ता सुरभि ने पैरवी की।
मंजूनाथ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश
चुनाव आयोग ने छह दिसंबर 2021 को Jharkhand के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा था, जिसमें मंजूनाथ को पद से हटाने एवं उन्हें चुनावी कार्य में नहीं लगाने का आदेश किया था।
मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए विभागीय कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर एक दिन में पांच थानों में केस दर्ज करने मामले में दोषी माना था। साथ ही सांसद के खिलाफ छह माह विलंब से आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज करने पर जवाब मांगा था।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को मंजूनाथ को DC के पद से हटाने का आदेश दिया था। बाद में चुनाव आयोग ने मंजूनाथ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश भी सरकार को दिया था।