Jharkhand Assembly Investigation illegal Appointment: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में विधानसभा में अवैध नियुक्ति (Invalid Placement) की जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में जो रिपोर्ट आयी है, उसे कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया है लेकिन फिलहाल कैबिनेट ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
सरकार के इस जवाब पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए विस्तृत और बिंदुवार जानकारी शपथ पत्र के मध्यम से पेश करने का निर्देश दिया। High Court अब इस मामले में 20 मार्च को सुनवाई करेगा। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह जानना चाहा कि जब इस मामले में एक कमिश्नर बनाया जा चुका है और उसने जो जांच रिपोर्ट दी है, वह राज्यपाल को सौंपा दी गयी है। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने कार्रवाई के लिए विधानसभा अध्यक्ष को निर्देशित किया है।
इसके बावजूद दूसरी जांच कमेटी क्यों और किस प्रोविजन पर बनायी गयी। विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने बहस की।
झारखंड विधानसभा में अवैध नियुक्ति की जांच को लेकर शिव शंकर शर्मा ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से वर्ष 2007 के बीच में विधानसभा में हुई नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है।
मामले की जांच के लिए पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया। आयोग ने जांच कर वर्ष 2018 में राज्यपाल को रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा (Assembly) अध्यक्ष को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।