Jharkhand High Court: सारंडा (Saranda) के जंगलों में हो रही अवैध माइनिंग (Illegal Mining) को बंद करवाने और पर्यावरण को बचाने के लिए जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय की ओर से दायर जनहित याचिका पर Jharkhand High Court में सोमवार को सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में हुई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सारंडा के जंगलों में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद माइनिंग एक्टिविटी तो बंद हो गई मगर अत्यधिक लौह-अयस्क को खुले में छोड़ दिया गया है, जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। सरकार इस मामले में टालमटोल कर रही है। पिछले एक साल से सरकार कोर्ट को गुमराह कर रही है।
अभी तक माइनिंग किए हुए लौह-अयस्क वहीं पड़े हुए हैं, जिसपर अदालत ने मौखिक रूप से पूछा कि क्यों सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है?
वहीं अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि सरकार अगली तिथि के पहले स्थिति स्पष्ट करे, या तो लौह-अयस्क को बेचने की प्रक्रिया पूरी करे या फिर कोई ऐसी जगह (वन क्षेत्र के बाहर) चिन्हित करे, जहां इन लौह-अयस्क को डंप किया जा सके।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। विधायक सरयू राय की ओर से High Court के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा।