रांची: मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में हजारीबाग में NTPC के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान कथित रूप से हुए तीन हजार करोड़ के भूमि-मुआवजा घोटाला (Land Compensation Scam) की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान NTPC की तरफ से अदालत में जवाब दाखिल किया गया। बताया जाता है कि वर्ष 2016 में हजारीबाग में भूमि-मुआवजा से संबंधित गड़बड़ियों के सामने आने के बाद तत्कालीन DC मुकेश कुमार की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने रिटायर्ड IAS अधिकारी देवाशीष गुप्ता (Devashish Gupta) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT टीम गठित की थी।
SIT की टीम ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट में 3000 करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाले किए जाने और 300 करोड़ मुआवजा बांट दिए जाने की जानकारी दी थी।
कल भी होगी सुनवाई
जवाब में NTPC ने अतिक्रमणकारियों को मुआवजा वितरण करने की बात स्वीकार कर ली है।
हालांकि उसने इसके लिए सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के अनुमोदन से मुआवजा बांटने की बात कही है, लेकिन कितने अतिक्रमणकारियों को किस दर पर कितना मुआवजा बांटा गया, उसका कोई विवरण एनटीपीसी ने फिलहाल नहीं दिया है।
अब अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई करेगा। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इसे लेकर मंटू सोनी ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में जनहित याचिका दायर की है।