रांची: Jharkhand High Court के चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजय कुमार मिश्र (Sanjay Kumar Mishra) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को पाकुड़ डिवीजन में पेयजल स्वच्छता विभाग (Drinking Water Sanitation Department) में कार्यभारित स्थापना से सेवानिवृत्त कर्मी अमरेंद्र कुमार का कार्यकाल नियुक्ति के दिन से मानकर सारे बेनिफिट (Benefit) देने का निर्देश दिया है।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता (Petitioner) की याचिका को स्वीकार करने के साथ ही एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया।
मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार (State Government) को निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता की सेवा की गणना नियुक्ति के दिन एक दिसंबर 1981 से करके इन्हें सारे बेनिफिट जैसे पेंशन (Pension), PF, ग्रेच्युटी (Gratuity) आदि का भुगतान छह प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ दिया जाए।
याचिकाकर्ता वर्ष 2022 में हुए सेवानिवृत्त
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोज टंडन ने कोर्ट को बताया कि अमरेंद्र कुमार की नियुक्ति एक दिसंबर, 1981 को पाकुड़ डिवीजन (Pakur Division) के पेयजल स्वच्छता विभाग में कार्यभारित स्थापना में हुई थी।
वर्ष 2005 में उसका नियमितीकरण (Regularization) हुआ। राज्य सरकार ने कहा कि पेंशन देंगे, लेकिन जिस दिन से उन्हें नियमित किया गया है, उस दिन से उन्हें पेंशन दिया जाएगा। याचिकाकर्ता वर्ष 2022 में सेवानिवृत्त हुए हैं।
याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं
अधिवक्ता मनोज टंडन ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रेम सिंह बनाम UP सरकार के केस में वर्ष 2019 में कहा है कि कार्यभारित स्थापना में नियुक्ति होने के दिन से सेवा की गणना होगी।
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता को किसी तरह की राहत नहीं दी थी। इस पर याचिकाकर्ता ने खंडपीठ में LPA दाखिल कर एकल पीठ के आदेश को चुनौती दी थी।