Ban on Coercive Action against Nishikant Dubey: झारखंड हाई कोर्ट ने गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) के खिलाफ नौ जनवरी तक पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश दिया है। नौ जनवरी को अदालत इस मामले में अंतिम सुनवाई करेगा।
बाबा बैद्यनाथ मेडिकल ट्रस्ट, (Baba Baidyanath Medical Trust) देवघर के जरिये परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कॉलेज खरीदे जाने के विरोध में दर्ज FIR को चुनौती देने वाली सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई।
मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की बेंच में हुई। मामले में राज्य सरकार के प्रति शपथ पत्र पर निशिकांत दुबे की ओर से प्रतिउत्तर दिया गया। निशिकांत दुबे की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जालान और शिवानी जालूका ने बहस की।
निशिकांत दुबे की ओर से FIR को निरस्त करने का आग्रह
पूर्व की सुनवाई में हाई कोर्ट ने शिकायतकर्ता देवघर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
निशिकांत दुबे की ओर से याचिका दाखिल कर इससे संबंधित FIR को निरस्त करने का आग्रह किया गया है। परित्राण मेडिकल लोन ट्रस्ट के सचिव शिवदत्त शर्मा (Shivdutt Sharma) की ओर से FIR दर्ज कर कहा गया है कि बाबा बैजनाथ मेडिकल ट्रस्ट, देवघर, जिसमें सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी ट्रस्टी भी हैं, उनके जरिये जालसाजी कर परित्राण मेडिकल ट्रस्ट से मेडिकल कॉलेज खरीदा गया है। मामले को लेकर देवघर के जसीडीह थाना में कांड संख्या 96/2024 दर्ज किया गया है।