रांची: झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को सुनवाई हुई।
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने इस मामले में पीड़ित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बयान दर्ज कराने का आदेश दिया। उन्हें पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराना होगा।
हालांकि, इस मामले में अदालत ने आरोपित को जमानत नहीं दी। मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आरोपित ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 15 (ए) के तहत पीड़ित को बिना सुने कोर्ट कोई भी आदेश पारित नहीं कर सकती है।
इसलिए इस मामले में पीड़ित को सुना जाना अनिवार्य है। इसके बाद अदालत ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया था।
इस मामले में गढ़वा के ऋषिकेश कुमार के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने कोर्ट से कहा था कि अगर कोई किसी व्यक्ति को अपमानित करने के उद्देश्य से इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट लिखता है, तो एससी-एसटी एक्ट के अनुसार आपराधिक मामला माना जाता है।
फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है और मुकदमा जारी रखा जाएगा। आरोपित ऋषिकेश ने कहा कि उन्होंने गलत मंशा से मुख्यमंत्री के खिलाफ इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट नहीं लिखा था।
इस मामले में उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। इसलिए उन्हें जमानत की सुविधा मिलनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि चार जून को इस मामले में गढ़वा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद अब पुलिस इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पक्ष लेकर कोर्ट में पेश करेगी।