Ranchi Divorce Case: यदि पत्नी नौकरी कर रही है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों के भरण- पोषण की जिम्मेदारी पति की नहीं होगी। गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पत्नी नौकरी करती हो और पैसा कमाती हो, तब भी पिता अपने बच्चे के भरण-पोषण के लिए जिम्मेदार है।
प्रति महीने 5-5 हजार रुपये गुजारा भत्ता
दरअसल रांची के रहने वाले एक पति-पत्नी के तलाक (Divorce) का मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा था, जिसमें कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि पति अपने दो बच्चों को प्रति महीने 5-5 हजार रुपये गुजारा भत्ता देगा।
इस आदेश के खिलाफ पति रघुवर सिंह ने हाई कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की थी। रिवीजन याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुभाष चांद की अदालत ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद उक्त फैसला सुनाया है।