रांची: झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने शुक्रवार को स्टेनो एएसआइ के वरीयता के संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के आदेश को निरस्त कर दिया है।
कोर्ट ने प्रार्थियों को डीजीपी के यहां दो सप्ताह में आवेदन देने का निर्देश दिया है।
साथ ही कोर्ट ने डीजीपी को इनके आवेदन पर चार सप्ताह में आदेश पारित करने का आदेश दिया है।
इस मामले में पूर्व में बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
पूर्व में इस पर बहस पूरी हो गई थी। शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए डीजीपी के आदेश को खारिज कर दिया।
इसे लेकर शंभू प्रसाद और अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया था कि तत्कालीन डीजीपी ने स्टेनो एएसआइ की वर्ष 2011 से वरीयता सूची बनाने का आदेश दिया था।
इसके चलते सभी की वरीयता समान हो गई थी और उनकी प्रोन्नति में भी परेशानी हो रही थी।
क्योंकि, स्टेनो एएसआइ पद पर कई लोग वर्ष 1980, 90, 93 में नियुक्त हुए थे।
पुलिस मैनुअल के नियमानुसार उन्हें सेवा के पांच साल बाद ही जनरल कैडर में लाना था लेकिन ऐसा न करते हुए वर्ष 2011 से सभी को जनरल कैडर में मानते हुए वरीयता सूची तैयार की गई। इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।