रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस (Chief Justice) संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को जंगल की जमीन एवं सरकारी जमीन की खरीद बिक्री की जांच कराने को लेकर कृषि ज्ञान संस्था (Agricultural Knowledge Institute) के डॉ लाल राजीव रंजन नाथ शहदेव कि जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
खंडपीठ ने केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया है और जवाब मांगा है।
जमीन का अतिक्रमण
कोर्ट ने दो कंपनियों जीवीके पावर एवं SR पावर को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता के शपथ पत्र के आलोक में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि कुछ प्राइवेट कंपनियों (इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड वेदांता, जीवीके पावर आदि) और कुछ व्यक्तियों के द्वारा राज्य में जंगल एवं सरकारी भूमि को खरीद बिक्री की गई है और जमीन का अतिक्रमण (Encroachment) किया गया है, जो नियम विरुद्ध है। इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
अतिक्रमण हटाने का निर्देश
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से राज्य के फॉरेस्ट का ऑडिट रिपोर्ट (Audit Report) प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य को 30 सितंबर, 2002 तक के तय समय सीमा में जंगल से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।
20 वर्ष होने के बाद भी जंगल से Encroachment नहीं हटाया गया और राज्य में 62952 एकड़ जंगल में निजी कंपनी और अतिक्रमणकारियों के द्वारा रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन को खरीद लिया है।