रांची: राज्य के बाहर से खनिज मंगा कर बेचने पर विभाग की ओर से लगाई गई रोक के मामले में झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सोमवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि झारखंड के खनिज एवं भूतत्व विभाग ने दिसंबर 2020 में एक आदेश जारी कर कहा कि जो कंपनियां बाहर से खनिज मंगाती हैं, वे उनका उपयोग प्लांट के लिए कर सकते हैं।
उसे बेचा नहीं जा सकता है। बालाजी इंडस्ट्रियल प्राइवेट लिमिटेड बाहर से आयरन मंगाती है।
इसका इस्तेमाल करने के बाद आयरन डस्ट निकलता है। उसे कंपनी बेचती है। लेकिन विभाग ने इस पर रोक लगा दिया है। बताया गया कि विभाग की ओर से ऐसा निर्णय नहीं लिया जा सकता है।
क्योंकि विभाग ने इसके लिए सरकार से अप्रूवल नहीं लिया है। अगर सरकार इस तरह के रोक का निर्णय लेती है तो ऐसे में उसे राष्ट्रपति से अप्रूवल लेना जरूरी होता है, जो कि इस मामले में नहीं लिया गया है।
इसके बाद अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि इस लेकर बालाजी इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।